1- गर्दिश में मदन कौशिक के सितारें! आसान नहीं डगर, पद से हटाए जाने पर विरोधी गुट खुश
बीते दो महीने से उत्तराखंड की राजनीति में खासकर बीजेपी संगठन में यह चर्चाएं तेज थी कि कभी भी हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक की प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छीन सकती है. शुक्रवार को ईटीवी भारत ने इसको लेकर एक खबर भी प्रकाशित की थी और शनिवार को ईटीवी भारत खबर पर मुहर लग गई. बीजेपी हाईकमान में मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर केदारनाथ के पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी है.
2- UKSSSC पेपर लीक: STF की 'सर्जिकल स्ट्राइक' जारी, नकल करने वाले बनेंगे सरकारी गवाह
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (UKSSSC ) 2021 परीक्षा पेपर लीक घपलेबाजी मामला बड़े स्तर पर जाने संकेत मिल रहे हैं. STF की पूरी टीम एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ लगातार गिरफ्तारियां और महत्वपूर्ण साक्ष्य-सबूत जुटा रही है. अगले 48 घंटे में बड़ा खुलासा होने की बात सामने आई है. जांच में सामने आया है कि गढ़वाल से लखनऊ और फिर कुमाऊं तक इस घपलेबाजी के तार जुड़े हैं. अब तक की STF जांच-पड़ताल में मिले ऐसे कई अहम एविडेंस एक बड़े खुलासे की तरफ जा रहे हैं.
3- उत्तराखंड के पर्यटक की पहलगाम में मौत, नाले में डूबने से हादसा
उत्तराखंड के पर्यटक की जम्मू कश्मीर में डूबने से मौत हो गई. मृतक का नाम कार्तिकी सिंह था, जो दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में घूमने गया था. वहीं पर बिटाब घाटी के नाला लाडरू में शनिवार दोपहर की उसकी डूबकर मौत हो गई.
4- बारिश या आफत! करीब 22 घंटे बाद खुल सका बदरीनाथ NH, बोल्डरों के बीच हो रही आवाजाही
बीते रोज भारी बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर खचड़ा और लामबगड़ नाले ने रौद्र रूप ले लिया था, जिस कारण सड़क पर सैलाब आ गया और देखते-देखते हाईवे का 20 मीटर हिस्सा बह गया था. करीब 22 घंटे बाद राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है.
5- आजादी@75 साल: पिछड़ेपन से कराहता देहरादून के पास सौंदणा गांव, लोहे की ट्रॉली है सहारा
उत्तराखंड में मॉनसून के सीजन में इन दिनों जब भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है, तब राजधानी देहरादून से महज 22 किलोमीटर दूर एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां हर मौसम में ही लोगों को पानी के तेज बहाव का सामना करना होता है. यहां मॉनसून सीजन में तो जिंदगी और भी दुश्वार हो जाती है. न केवल गांव वालों को घर के किसी भी छोटे-मोटे काम के लिए नदी पार करके जाना होता है, बल्कि स्कूली बच्चे भी लोहे की एक छोटी सी ट्रॉली में जान खतरे में डालते हुए हर रोज नदी पार करते हैं. ईटीवी भारत पर देखिए ग्राउंड जीरो से ये खास रिपोर्ट.