देहरादून: प्रदेश के स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों को अन्य स्कूलों में समायोजन किए जाने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई समिति ने शिक्षकों के समायोजन की सिफारिश की थी, लेकिन अभी तक इन शिक्षकों का समायोजन नहीं किया जा सका है. वहीं, इन शिक्षकों के समायोजन पर तलवार लटकती नजर आ रही है. जिसकी मुख्य वजह शासनादेश में की गई एक छोटी सी गलती है, जिसकी वजह से पिछले 2 महीने से यह मामला लटका हुआ है.
उत्तराखंड में तमाम स्कूलों में जरूरत से अधिक शिक्षक कार्य कर रहे हैं. जिन शिक्षकों को समायोजन के लिए समान श्रेणी के स्कूल में पद उपलब्ध ना होने के चलते दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम स्कूलों के खाली पदों पर समायोजन किया जाना है. हालांकि, इसके लिए कार्मिक विभाग के उप सचिव महावीर सिंह ने सितंबर 2020 को प्रदेश के बेसिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों के समायोजन के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन इस समायोजन के शासनादेश में आवश्यकता अनुसार दूसरे स्कूलों में सिफारिश किए जाने के बजाय दूसरे विभागों में समायोजन किया जाना लिखा गया है.