देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और देहरादून क्लेमनटाउन पुलिस की संयुक्त टीम ने हरिद्वार में नवविवाहिता और उसके पति की हत्या के लिए ₹10 लाख रुपए की सुपारी देने वाले दो लोगों- राजकुमार और नीरज त्यागी को मंगलौर से गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने पौड़ी जेल में बंद बदमाश नरेंद्र वाल्मीकि से फर्जी सिम से जरिए फोन पर डील की थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयोग मोबाइल फोन बरामद किया है. दोनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा.
पौड़ी जेल में हुई थी डील:आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वो लोग लड़की के अंतरजातीय विवाह से नाखुश थे और पति-पत्नी दोनों को मारने के लिए उन्होंने नरेंद्र वाल्मीकि से फोन पर संपर्क किया था. ये डील 10 लाख रुपये में तय हुई थी. गैंग के एक आदमी को उन्होंने 4 लाख रुपये एडवांस भी दे दिए थे, बाकी काम होने के बाद देना था.
नरेंद्र वाल्मीकि ने अपने गुर्गों को दिया काम:डील होने के बाद पौड़ी जेल से ही नरेंद्र वाल्मीकि ने अपने मुख्य शूटर पंकज (रुड़की निवासी) को ये काम सौंपा. पंकज ने उत्तरप्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और हरियाणा के फरीदाबाद क्षेत्र के कुछ गैंगस्टरों से संपर्क किया और उनको हरिद्वार निवासी पति-पत्नी के साथ चार लोगों की हत्या का कांट्रेक्ट सौंपा. डील होने पर ये तीनों शूटर देहरादून पहुंचे.
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जैसे ही एसटीएफ और पुलिस को उनके आने की जानकारी मिली तो देरी किए बिना एक टीम को क्लेमनटाउन क्षेत्र में रवाना किया गया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए आशारोडी चेक पोस्ट के पास से तीनों सुपारी किलर्स- नीरज पंडित (निवासी हरियाणा), सचिन (निवासी मुजफ्फरनगर) और अंकित (निवासी सहारनपुर) को गिरफ्तार किया गया. तीनों के खिलाफ पहले भी गैंगस्टर में मामले दर्ज हैं. अंकित और सचिन गैंग के लिये काम करने के साथ-साथ आर्म्स सप्लाई और चोरी की गाड़ी भी उपलब्ध कराते थे. आरोपियों के पास से 2 तमंचे 315 बोर, 4 जिंदा कारतूस, 1 तमंचा 312 बोर, 2 जिंदा कारतूस बरामद किए गये थे.