देहरादून: उत्तराखंड में ठगी और धोखाधड़ी के मामलों की भरमार है. राज्य में ऐसे सैकड़ों मामले हैं, जो पिछले लंबे समय से पेंडिंग हैं. लगातार इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसी बात को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशालय ने फरवरी में एक अभियान शुरू करते हुए ऐसे मामलों पर तेजी से कार्रवाई की. शायद इसी का नतीजा है कि राज्य में 420 के ऐसे मामलों को तेजी से शॉर्ट आउट किया जा रहा है.
उत्तराखंड में फरवरी महीने तक करीब 1900 मुकदमे ऐसे थे, जो धोखाधड़ी और ठगी से जुड़े थे और जिन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. मार्च आते-आते ऐसे मुकदमों की संख्या 2000 हो गई. हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश पर फरवरी से ही पुलिस ने ऐसे मुकदमों को लेकर विशेष अभियान शुरू कर दिया था. जिसके चलते ऐसे मुकदमों में तेजी से गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो चुका है.
आपको बता दें कि ठगी और धोखाधड़ी के ऐसे मामले ज्यादातर राजधानी देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में मिल रहे हैं. ऐसे मामलों में मुकदमे के बाद पेंडेंसी भी काफी ज्यादा थी. इसको देखते हुए पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर प्रदेश भर में ऐसे मुकदमों को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार यह अभियान अप्रैल महीने तक चलेगा. पिछले महीने 24 फरवरी से शुरू हुए इस अभियान में करीब 1 महीने के दौरान ही 150 से ज्यादा गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. उधर 17 मामलों में गैंगस्टर भी लगाया गया है.
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दिलचस्प बात ये है कि इन मुकदमों की जांच के दौरान 90 लोगों पर ठगी और धोखाधड़ी की नामजद शिकायत गलत पाई गई है. हालांकि अभी ऐसे ही मामलों में करीब 2900 लोगों के खिलाफ जांच लंबित है. लिहाजा पुलिस महानिदेशालय जिला स्तर पर भी ऐसे मामलों की मोनिटरिंग कराने की तैयारी कर रहा है. साथ ही इन सभी मामलों में तेजी से कार्रवाई के निर्देश भी दिए जा रहे हैं.