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लखपति दीदी प्रोजेक्ट पर लग सकता है ब्रेक, केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने नई स्कीम पर राज्य को चेताया

केंद्रीय ग्रामीण मंत्रालय का कहना है कि पेशेवर कर्मियों की कमी के कारण लखपति दीदी परियोजना अधर में लटक सकती है. मंत्रालय ने राज्य को इस मामले में चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने कर्मचारियों की कमी के बीच नए प्रोजेक्ट शुरू ना करने का साफ इशारा किया है.

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Published : Dec 6, 2022, 2:11 PM IST

Updated : Dec 6, 2022, 4:49 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में ग्रामीण विकास विभाग के तहत चलने वाली योजनाओं पर पेशेवर कर्मियों की कमी भारी पड़ सकती है. भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों को ऐसी संभावनाओं को लेकर चेताया है. उत्तराखंड सरकार ने भी हाल ही में पुरानी योजनाओं के साथ लखपति दीदी प्रोजेक्ट (Lakhpati Didi Project) शुरू किया है, जबकि केंद्र कर्मचारियों की कमी के बीच नए प्रोजेक्ट शुरू ना करने का साफ इशारा कर चुका है.

उत्तराखंड में पिछले दिनों लखपति दीदी योजना की शुरुआत खासी चर्चाओं में रही. यह परियोजना महिलाओं से जुड़ी होने और उन्हें स्वावलंबन की तरफ बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताई गई. लेकिन केंद्र सरकार के ग्रामीण मंत्रालय (Union Rural Ministry) की तरफ से भेजे गए पत्र में ग्रामीण विकास विभाग के तहत चलने वाली परियोजना पर संदेह पैदा कर दिया है.

लखपति दीदी प्रोजेक्ट पर लग सकता है ब्रेक.

केंद्रीय मंत्रालय ने लिखी राज्य को चिट्ठीः दरअसल, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से संयुक्त सचिव ने एक पत्र सभी राज्यों को भेजा है. इस पत्र में केंद्रीय मंत्रालय ने चिंता जाहिर करते हुए विभिन्न राज्यों को पेशेवर कर्मचारियों की कमी को लेकर चेताया है. इस दौरान कर्मचारियों की कमी और पेशेवर कर्मचारी ना होने के चलते इसका सीधा असर परियोजनाओं पर पड़ने की भी बात कही गई है. इतना ही नहीं, इस कमी के बीच नए प्रोजेक्ट शुरू करने पर भी आपत्ति दर्ज की गई है.
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मंत्री केंद्र की चिट्ठी से अनभिज्ञः वैसे बता दें कि उत्तराखंड में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं. इसके अलावा REAP (ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना) में भी काम किया जा रहा है. ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ही उत्तराखंड में लखपति दीदी प्रोजेक्ट को भी शुरू किया गया है. ऐसे में उत्तराखंड में भी इन परियोजनाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि विभागीय मंत्री गणेश जोशी कहते हैं कि लखपति दीदी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जहां तक भारत सरकार की तरफ से भेजी गई चिट्ठी का सवाल है तो वह उन्हें प्राप्त नहीं हुई है, ना ही उनके अधिकारियों की तरफ से उन्हें इस बारे में कुछ बताया गया है.

इस साल कर्मियों की कुछ कमी आई नजरः केंद्र में संयुक्त सचिव नीता केजरीवाल की तरफ से भेजे गए इस पत्र में राज्यों को पूर्व की बैठक के दौरान भी कर्मचारियों की कमी को दूर करने की याद दिलाई गई है. उत्तराखंड में विभिन्न परियोजनाओं में कर्मचारियों की कमी पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2022- 23 के दौरान कर्मियों की कुछ कमी नजर आती है.
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  • वित्तीय वर्ष 2022-23 में मार्च तक के रिकॉर्ड के अनुसार कुल 12% कर्मचारियों की कमी बनी हुई है.
  • जानकारी के अनुसार राज्य में एचआर मैनुअल एप्रूव्ड है लेकिन इसे इंप्लीमेंट नहीं किया गया है.
  • लखपति दीदी प्रोजेक्ट से महिलाओं की आय को बढ़ाना बड़ी चुनौती है.
  • इन परियोजनाओं में करीब 555 पद के सापेक्ष 488 पद भरे गए हैं.
  • इन परियोजनाओं में करीब 67 पद खाली हैं.
  • विभिन्न कार्यक्रमों को विस्तारित करने पर केंद्र ने राज्य को बताई भविष्य की दिक्कतें.

लखपति दीदी योजना से बढ़ेगी महिलाओं की आजीविकाः यूं तो ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश भर की तरह उत्तराखंड में भी लंबे समय से महिला समूह की आजीविका को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन विभिन्न नए कार्यक्रमों के जरिए भी प्रदेश में केंद्रीय बजट के माध्यम से लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं. इसमें फिलहाल लखपति दीदी योजना राज्य के लिए अब सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल हो गई है.

महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्यः करीब सवा लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि यह लक्ष्य कैसे पूरा होगा इसका कागजी जवाब तो लिखा गया है. लेकिन रोड मैप काफी चुनौतीपूर्ण दिखाई देता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन परियोजनाओं में कर्मचारी विभिन्न परेशानियों से घिरे हुए नजर आ रहे हैं और उनकी इन समस्याओं के समाधान को लेकर प्रयास कुछ कम ही दिख रहे हैं.

Last Updated : Dec 6, 2022, 4:49 PM IST

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