देहरादून:उत्तराखंड में कर्मचारी अधिकारी शिक्षक समन्वय समिति एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है. कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया. इससे प्रदेश भर के कर्मचारियों में रोष है और वो स्थगित की गई प्रदेश व्यापी महारैली पर पुनर्विचार करने की तैयारी कर रहे है. वहीं सरकार भी कर्मचारियों के आंदोलन के आगे दबती हुई नजर नहीं आ रही है. सरकार ने कर्मचारियों के आंदोलन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया है.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सामूहिक अवकाश पर गए कर्मचारियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा. सीएम ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने 31 जनवरी को काम किया है उन्हीं कर्मचारियों को 31 जनवरी का वेतन मिलेगा. जिन कर्मचारियों ने काम नहीं किया उनके लिए नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा.
हालांकि कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक इस मामले में थोड़ा नरम नजर आए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के मुद्दों का समाधान बातचीत से ही निकलेगा. कर्मचारी संगठनों को भी अपने रुख में बदलाव करने की जरूरत है. कौशिक ने कहा कि सारे विषयों पर बातचीत जारी है और जल्दी इसका समाधान भी सामने आ जाएगा.
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कर्मचारी अधिकारी शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक और सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों ने अपना आंदोलन स्थगित करने की निर्णय लिया था. बावजूद उसके लिए सरकार कर्मचारियों को शोषण कर रही है.
जोशी ने कहा कि संयोजक मंडल की बैठक के बाद वो एक बड़ा निर्णय लेंगे. उन्हें उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में एसीपी और प्रमोशन में शिथिलीकरण को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा, लेकिन सरकार ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया. इसके साथ ही 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश पर गए कर्मचारियों को अभी तक सैलरी नहीं मिली है. इसको लेकर भी कर्मचारी संगठनों में काफी नाराजगी है.