देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने छठ महापर्व को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. सरकार ने निर्देश जारी करते हुए लोगों को घरों में ही छठ मनाने को कहा है. उत्तराखंड के मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में श्रद्धालु छठ महापर्व को मनाते हैं. खास बात यह है कि यही वह जिले हैं, जहां संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिसे देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है.
सार्वजनिक जगहों पर नहीं होगा महापर्व का आयोजन
कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में सार्वजनिक जगहों पर छठ के महापर्व को नहीं मनाने का आदेश जारी किया है. निर्देशों के अनुसार किसी भी जगह पर भारी भीड़ पूजन या सूर्य को अर्घ्य नहीं दिया जाएगा. इसके लिए जिलाधिकारियोंको भी विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. जारी नियमों में घरों में ही श्रद्धालु महापर्व पर पूजन करेंगे. पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को 2 गज की दूरी मेंटेन रखना होगा और हर समय मुंह पर मास्क भी लगाना होगा. 10 साल से छोटे बच्चों और 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को भी पर्व में भीड़भाड़ से दूर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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दून प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
- सभी श्रद्धालु नदी किनारे, घाटों, नहरों और सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं कर करेंगे. श्रद्धालु अपने-अपने घरों में पूजा और अर्घ्य देंगे.
- सभी श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के लिए 2 गज की दूरी बनाए रखना आवश्यक होगा.
- छठ पूजा के दौरान सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- कंटेनमेंट जोन में छठ पूजा का आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा.
- सभी श्रद्धालु छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान अधिक संख्या में घरों में इकट्ठे नहीं होंगे.
- 10 साल से कम आयु के बच्चों को छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान विशेष ध्यान रखा जाएगा.
- 65 साल से अधिक बुजुर्गों को अपने स्वास्थ्य हित में छठ पूजा कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है.
एसडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने कहा कि सभी लोग अपने-अपने घरों पर रहकर ही पूजन करेंगे और सूर्य को अर्घ्य देंगे. घरों में आसपास भी लोग सीमित संख्या में एकत्रित होंगे और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर अनिवार्य रूप से मास्क पहनेंगे. इसके अलावा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का पूजा के दौरान उचित ध्यान रखने और 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को पूजन से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है. आदेश में यह भी कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन में पूजा का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा. जिला प्रशासन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी.