जोशीमठ: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा जोशीमठ का दौरा कर देहरादून लौट आए हैं. जोशीमठ से लौटने के बाद करण माहरा ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने धामी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मामले को अति असंवेदनशील बताया है. करण माहरा ने कहा कि जोशीमठ मामले को लेकर धामी सरकार ने गैर जिम्मेदाराना रूख अपना रखा है.
जोशीमठ की जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस बीती 6 जनवरी से मुख्यमंत्री कार्यालय से समय मांग रही है, लेकिन लेकिन विपक्ष को समय नहीं दिया जा रहा है. इससे साफ पता चलता है कि सरकार जोशीमठ के लोगों के लिए कितनी गंभीर है. इससे भी अजीब विडंबना है कि सरकार के किसी प्रभारी मंत्री ने वहां रात्रि विश्राम नहीं किया.
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करण माहरा ने सरकार से मांग की है कि जोशीमठ के लोगों को वही मुआवजा दिया जाना चाहिए जो बदरीनाथ धाम के लोगों को दिया जा रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि हल्द्वानी बनभूलपुरा मामले में जिस तरह से 24 घंटे के भीतर कैबिनेट बैठक बुला ली गई थी. लेकिन जोशीमठ मामले में अभी तक कैबिनेट बैठक नहीं बुलाया जाएगा गंभीर चिंता का विषय है.
करण माहरा ने कहा कि जोशीमठ शहर का सांस्कृतिक और एतिहासिक महत्व है. यह शहर धार्मिक और सामरिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है. उन्होंने कहा कि बीते 9 वर्षों से देश में पीएम मोदी और उत्तराखंड में 6 सालों से भाजपा सरकार की सत्ता है, लेकिन भाजपा सरकार ने जोशीमठ को लेकर जियोलॉजिकल रिपोर्ट लेने की भी कोशिश तक नहीं की, जिसका नतीजा यह हुआ कि वहां प्रतिदिन खतरा बढ़ता जा रहा है और लोगों की दुकानें और मकान खतरे की जद में हैं. लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी हुई है.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कई योजनाओं को बंद कराया है. कांग्रेस सरकार के समय वहां बड़े पैमाने पर हैवी प्लांटेशन किए गए थे. लेकिन ऑल वेदर रोड की आड़ में हजारों पेड़ काट दिए गए, जबकि पर्यावरणविदों ने पेड़ लगाने को कहा था. साथ ही जमीन ढूंढकर किसी अन्य जगह पर पेड़ लगाने की भी अपील की गई थी, लेकिन पेड़ नहीं लगाए गए.
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