देहरादून: सीएम धामी ने प्रदेश में 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इस मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा अपने 100 दिन के कार्यकाल में उनकी कोशिश रही है कि नौकरशाही सही से काम करे. साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं का समय से निवारण हो ये ही उनकी कोशिश रही है. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विपक्ष का एजेंडा सिर्फ चुनाव है. इसलिए वो सिर्फ चुनाव को देखकर घोषणाएं करते हैं. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2025 पर काम कर रहे हैं.
सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार लगातार जनहित में काम कर रही है. उन्होंने कहा सरकार ने लोगों की समस्याओं के निदान के प्रयास किए, ताकि उनकी परेशानियां कम हो सकें.
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उन्होंने कहा, 'भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियां उत्तराखंड में चुनाव के लिए काम कर रही हैं. ये साढ़े चार साल गायब रहती हैं और अंत में चुनाव के समय आकर घोषणाएं करना शुरू कर देती हैं, तो इसलिए उनका एजेंडा केवल चुनाव है'.
उन्होंने कहा, 'हमारा एजेंडा कभी केवल चुनाव नहीं रहा है. हम ईमानदारी से प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें विजन-2025 दिया है. जब 2025 में राज्य 25 वर्ष का होगा तो यह हर क्षेत्र में आगे होगा और हिंदुस्तान का एक आदर्श राज्य होगा.
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कद्दावर दलित नेता यशपाल आर्य के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा इससे भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक और संगठन आधारित पार्टी है. हमारी पार्टी देश प्रथम, पार्टी द्वितीय और व्यक्ति अंतिम के सिद्धांत पर काम करती है. हमारा लक्ष्य प्रदेश को आगे बढ़ाना है'. उन्होंने कहा भाजपा कार्यकर्ता इस आधार पर काम नहीं करते कि कौन आता है और कौन जाता है, बल्कि वे इस आधार पर काम करते हैं कि देश और प्रदेश के लिए क्या अच्छा है.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए धामी ने कहा कि एक तरफ हरीश रावत कहते हैं, 'हम दल-बदल को बढ़ावा नहीं देंगे और दूसरी तरफ ऐसा कर भी रहे हैं. कुछ लोग उनकी पसंद के हैं तो कहते हैं कि आ जाइए और पसंद के नहीं हैं तो उनके लिए मानक बना देते हैं'.
किसान आंदोलन का असर चुनाव पर पड़ने संबंधी प्रश्न पर धामी ने कहा 'सभी किसान हमारे भाई हैं और हम आपस में मिलते-जुलते और बात करते रहते हैं. हमारा एक परिवार है. चुनाव एक अलग विषय है लेकिन जिस प्रकार से मैं उनके बीच का हूं, मुझे लगता है कि वे ऐसा सोचेंगे भी नहीं'.
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चारधाम प्रबंधन देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को लेकर तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन के बारे में धामी ने कहा कि वह स्वयं सबसे बात कर रहे हैं. इस संबंध में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में बनी समिति सभी पक्षों को सुनकर नवंबर तक अपनी रिपोर्ट दे देगी.
पलायन के मुद्दे पर धामी ने कहा वन अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक एसएस नेगी की अध्यक्षता में बने पलायन आयोग ने इस पर काम किया है. कई रिपोर्टें तैयार की हैं. उन्होंने कहा,' हम पलायन रोकने के लिए स्वरोजगार जैसी योजनाएं लाकर नए सिरे से काम कर रहे हैं'.
चुनाव में भाजपा की स्थिति के बारे में धामी ने कहा चुनाव में परिणाम अच्छे रहेंगे. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी के केंद्र में आने के बाद से उत्तराखंड के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, चारधाम ऑल वेदर रोड, हवाई संपर्क, भारत माला परियोजना और भव्य केदारपुरी निर्माण, 250 करोड़ रुपये का बदरीनाथ मास्टर प्लान सहित चारोंधामों के लिए 700 करोड़ रुपये से ज्यादा के काम होने जैसे कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं. इसका लाभ भाजपा को मिलेगा.
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धामी ने कहा, 'मैं पार्टी का सिपाही हूं. मेरी कोशिश है कि मुझे जो समय मिला है, उसका सदुपयोग करूं और एक-एक पल जनता के कल्याण में लगाऊँ'. अपनी कार्यशैली के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी क्षेत्र में घोषणाएं करने से पहले उन्होंने संबंधित विभाग से आकलन करवाया. उसके बाद वित्त विभाग से परामर्श लिया. जिससे उसके लाभ लोगों को जल्द मिलें. धामी ने कहा उनकी ज्यादातर घोषणाओं से संबंधित शासनादेश जारी भी हो गए हैं .
धामी ने बताया कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन, स्वास्थ्य, परिवहन और सांस्कृतिक क्षेत्रों के लिए उन्होंने आर्थिक पैकेज घोषित किए. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत काम करने वाले स्वयं सहायता समूहों के लिए आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में पहुंचाने की शुरूआत की .
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उन्होंने कहा इसके अलावा, उत्तराखंड आंदोलनकारियों के पति या पत्नी को भी पेंशन दिए जाने और अन्य आंदोलनकारियों के पहचान करने की घोषणा की गयी. जिसके विषय में शासनादेश भी जारी हो चुका है. एक सवाल के जवाब में धामी ने कहा कि भाजपा को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों का एजेंडा केवल चुनाव है.
बता दें धामी ने तीन जुलाई को राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के बाद राज्य की कमान संभालने वाले धामी तीसरे मुख्यमंत्री हैं.
(पीटीआई-भाषा)