देहरादून:पिछले दिनों चंडीगढ़ में बिना वर्दी के उत्तराखंड रोडवेज बसों के चालक परिचालक का चालान काटकर भारी भरकम जुर्माना वसूलने के बाद राज्य परिवहन निगम की नींद टूटी है. ऐसे में अब रोडवेज मुख्यालय नियम मुताबिक सभी बस चालक और परिचालक को यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य कर दिया गया है यानी अब उत्तराखंड रोडवेज बसों के ड्राइवर खाकी और कंडक्टर स्लेटी रंग की वर्दी में नजर आएंगे. वर्दी के लिए परिवहन निगम द्वारा प्रतिवर्ष 3000 वर्दी भत्ता देने का निर्णय भी लिया है.
परिवहन निगम महाप्रबंधक संचालक दीपक जैन (Director Deepak Jain) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक रोडवेज में कार्यरत संविदा, विशेष श्रेणी और सभी नियमित ड्राइवर व कंडक्टर के लिए ड्रेस कोड होगा. बस चालक जहां खाकी रंग की शर्ट कोट और पैंट पहनेंगे. बस चालकों को सिर पर खाकी रंग की टोपी या पगड़ी पहननी होगी. वहीं, दूसरी ओर बस के कंडक्टर को स्लेटी रंग की पैंट शर्ट और कोट के साथ ही टोपी भी पहननी होगी. उत्तराखंड रोडवेज के सभी चालक और परिचालकों की वर्दी के ऊपर प्लास्टिक की काली नेम प्लेट होगी, जिस पर कर्मचारी का नाम और पद अंकित होगा.
3 हजार के वर्दी भत्ते को लागू को लेकर उठे सवाल:उत्तराखंड रोडवेज की बसों में चालक परिचालक का ड्रेस कोड जारी करने और उनको ₹3000 वर्दी भत्ता देने का भी परिवहन मुख्यालय द्वारा निर्णय लिया गया है. हालांकि, वर्दी के लिए मात्र ₹3 हजार देने के मामले को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. रोडवेज कर्मचारी यूनियन महामंत्री अशोक चौधरी के मुताबिक ₹3 हजार में पूरी यूनिफॉर्म तैयार कराना बेहद मुश्किल है. वर्दी पूरे साल भर पहनी जाएगी, तभी दूसरे साल की नई वर्दी का भत्ता जारी किया जाएगा. ऐसे में प्रतिवर्ष कम से कम 8 से 10 हजार की धनराशि जारी कर दो बार वर्दी भत्ता जारी किया जाना चाहिए, ताकि सर्दी और गर्मी के लिहाज से दो तरह की वर्दी तैयार की जाए.
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वर्दी न पहनने वाले कर्मचारियों पर 250 का होगा जुर्माना:परिवहन निगम के मुताबिक वर्दी भत्ता लागू होने के 15 दिनों के उपरांत यूनिफॉर्म तैयार करनी होगी. राज्य के सभी डिपो के प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि ड्यूटी पर आने वाले चालक परिचालक व अन्य कर्मचारी यूनिफॉर्म में आया हैं या नहीं. यूनिफॉर्म में ना आने वाले कर्मचारियों से 250 जुर्माना वसूला जाएगा. वर्दी पर आने के बाद ही उसे ड्यूटी पर भेजा जाएगा. लगातार वर्दी के नियम उल्लंघन करने वाले चालक परिचालक व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय रूप से अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.