देहरादून: एक तरह जहां सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी विधानसभा क्षेत्र में सूर्यधार झील का लोकार्पण किया तो वहीं दूसरी पर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने सूर्यधार झील को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यूकेडी का आरोप है कि सूर्यधार झील नियम कायदे को ताक पर रखकर बनाई जा रही है और इसमें बड़ा भ्रष्टाचार भी हो रहा है. इस मामले पर यूकेडी में देहरादून स्थित केंद्रीय मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता भी की है.
मीडिया से बात करते हुए विशेषज्ञ विपुल धस्माना ने कहा कि जब भारत सरकार के स्तर पर जल यातायात और जल क्रीड़ा को लेकर पहले से ही कानून बने हैं तो फिर उत्तराखंड सरकार उन कानूनों को लागू क्यों नहीं करती है? उन्होंने बिना नियम कानून बनाए ही सूर्यधार झील में बोट के प्रयोग को लेकर भी सवाल खड़े किए.
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इधर, यूकेडी के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने सूर्यधार बांध परियोजना में शेड्यूल रेट से 20 प्रतिशत से अधिक दर पर कार्य कराने और निर्माण की लागत 12 करोड़ रुपए अधिक आने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के खुद सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज बांध परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं. सचिव सिंचाई को विशेष जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन एक माह बाद भी इस जांच का कुछ अता पता नहीं है.
यूकेडी ने कहा कि जांच कर इसका पता लगाया जाना चाहिए की बांध परियोजना के आसपास किसने जमीन खरीदी है. क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आस-पास के गांव वालों को सिंचाई, जमीन और रोजगार का लाभ नहीं मिलेगा तो ऐसे में यूकेडी को सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना पड़ेगा.