देहरादून: उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) कुमाऊं में अलकनंदा और शारदा जैसी नदियों पर छोटी जल विद्युत परियोजना शुरू करने जा रहा है. जिसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा.
दरअसल, प्रदेश की लगभग 18000 मेगावाट की 24 बड़ी परियोजनाओं पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की तरफ से रोक लगी हुई है. हालांकि ये सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं. ऐसे में ऊर्जा प्रदेश होने के बावजूद भी उत्तराखंड में बिजली संकट बना रहता है. यही कारण है कि अब यूजेवीएनएल कुमाऊं में 5,10 और 12 मेगावाट की छोटी परियोजनाएं बनाने जा रहा है.
यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा पढ़ें- तमंचे पर डिस्कोः विधायक चैंपियन ने दी सफाई, कहा- 8 साल की उम्र से चला रहा हथियार
इस संबंध में जानकारी देते हुए यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने बताया कि कुमाऊं की अलकनंदा और शारदा नदी पर जल्द की छोटी जल विद्युत परियोजनाएं बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके तहत मुंस्यारी मधकोट, जौलजीबी और धौलीगंगा घाटी के पास कनचोटी में 5,10 और 12 मेगावाट की छोटी परियोजनाएं तैयार की जाएगी. जिससे प्रदेश से बिजली संकट दूर होगा. साथ ही पहाड़ों से हो रहे पलायन पर भी रोक लग सकेगी.
पढ़ें- औली रॉयल वेडिंग: प्रदूषण बोर्ड को HC की फटकार, गुप्ता बंधुओं को शपथ पत्र पेश करने का आदेश
बता दें कि एनजीटी की तरफ से प्रदेश की जिन 24 बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं पर रोक लगाई गई है. उसमें से अधिकांश परियोजनाएं गंगा पर बनाई जा रही थी. एनजीटी का मानना है कि इन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से नदियों और पानी में रहने वाले जीव जंतुओं के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाता है. इसलिए इन पर रोक लगाई जानी जरूरी है.