देहरादून/ऋषिकेशः दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में नौ यूनियनों की संयुक्त फोरम ने आंदोलन की रणनीति बनाई है. इसके समर्थन में देहरादून में भी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) की ओर से 15 और 16 मार्च को रैली निकालकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, ऋषिकेश में भी बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे, जिससे शहर में चार दिनों तक कैश की किल्लत हो सकती है.
दरअसल, बैंकों के निजीकरण के विरोध में पूरे देश के करीब 20 लाख बैंक कर्मी 15 और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे. 13 मार्च को दूसरे शनिवार की छुट्टी थी. रविवार को बैंकों में निर्धारित छुट्टी है. चार दिन तक बैंक बंद होने से कैश निकालने के लिए लोग एटीएम पर निर्भर रहेंगे. ऐसे में एटीएम खाली हुए तो लोगों को कैश की किल्लत से जूझना पड़ेगा.
वहीं, कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु भी इन दिनों ऋषिकेश घूमने पहुंच रहे हैं. जबकि वीकेंड की छुट्टी की वजह से दिल्ली हरियाणा के पर्यटक भी राफ्टिंग, कैंपिंग के लिए शहर और मुनि की रेती क्षेत्र में पहुंचते हैं. कैश संभालने की दिक्कत को देखते हुए ज्यादातर पर्यटक और श्रद्धालु एटीएम पर ही भरोसा करके चलते हैं.
बता दें कि पिछले साल हुए बैंकों के विलय के बाद देश में मौजूदा वक्त में 12 राष्ट्रीयकृत बैंक हैं. इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया हैं. बैंक कर्मचारियों के मुताबिक सरकार इन्हीं में से दो बैंकों का निजीकरण करना चाहती है. इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. केंद्र सरकार साल 2019 में पहले ही एलआईसी में आईडीबीआई बैंक का अधिकांश हिस्सा बेच चुकी है. इसके साथ ही पिछले चार सालों में 14 सार्वजनिक बैंकों का विलय हुआ है.