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लॉकडाउन इफेक्ट: चिड़ियाघर के जानवर इन दिनों हैं उदास, इंसानों को कर रहे 'मिस'

देहरादून चिड़ियाघर में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है, जिसकी वजह से जानवरों के व्यवहार में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है.

देहरादून चिड़ियाघर
देहरादून चिड़ियाघर

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Published : Apr 3, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 5:11 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन में इंसानों के साथ जानवरों की जिंदगी पर भी असर पड़ा है. पर्यटकों से भरे रहने वाले देहरादून चिड़ियाघर में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. जिस वजह से जानवरों के व्यवहार में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है.

ETV BHARAT से खास बातचीत में देहरादून चिड़ियाघर वन क्षेत्राधिकारी एमएम बिजल्वाण ने कहा कि लॉकडाउन के बाद जू को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया था. अचानक लोगों की आवाजाही बंद होने के बाद जानवरों के व्यवहार में भी हैरतअंगेज बदलाव देखने को मिला है.

एमएम बिजल्वाण बताते हैं कि मालसी डियर पार्क में मौजूद फीमेल लेपर्ड रानी लॉकडाउन के बाद से ही काफी निराश है. वहीं लोगों के साथ कम घुलने मिलने वाला मेल लेपर्ड राजा इन दिनों बेफिक्र नजर आ रहा है. इसके अलावा बाड़े में रहकर भी हमेशा लोगों की तरफ आकर्षित रहने वाला सोनू सांभर भी लॉकडाउन के बाद से काफी चिड़चिड़ा हो गया था. खुद ही बाड़े को तोड़ने लगा था, जिसके बाद जू प्रशासन ने उसे चिड़ियाघर के जंगल में छोड़ दिया.

चिड़ियाघर के जानवर इन दिनों हैं उदास.

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लॉकडाउन के बाद देहरादून जू में व्यवस्थाओं को लेकर भी जू अधिकारियों के सामने कई चुनौतियां थीं. एमएम बिजल्वाण के मुताबिक लॉकडाउन होने के बाद जानवरों के लिए भोजन का प्रबंध करना सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है. मांसाहारी जानवरों के लिए मांस और शाकाहरी के लिए घास का इंतजाम करना कठिन हो रहा है. क्योंकि सप्लाई करने वाली दुकानें बंद हैं. जू में काम करने वाले तकरीबन 8- 10 लोग ही जानवरों का ख्याल चौबीसों घंटे रखते हैं. कर्मचारी जू के साथ-साथ जानवरों को भी सेनिटाइज करते हैं.

वहीं जू बंद होने के कारण प्रशासन को प्रतिदिन करीब 1 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. एमएम बिजल्वाण के मुताबिक 15 मार्च को जू को बंद करने के बाद से अब तक 15 से 16 लाख का नुकसान हुआ है.

Last Updated : Apr 6, 2020, 5:11 PM IST

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