देहरादूनः उत्तराखंड में ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड में 'टीबी हारेगा और देश जीतेगा' इस स्लोगन के साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने एक संकल्प लिया है. विश्व तपेदिक दिवस (world TB day) पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने इस रोग की गंभीरता को लेकर जागरूक करने का संकल्प लिया है. लेकिन बावजूद इसके टीबी के मरीजों में पिछले 5 साल में इजाफा देखने को मिला है.
दरअसल, राजधानी देहरादून में विश्व तपेदिक दिवस (24 मार्च) के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में स्वास्थ्य कर्मियों ने टीबी जागरूकता पर बल दिया. इस दौरान राज्य के ट्यूबरक्लोसिस इंचार्ज डॉ एसके झा ने बताया कि 2021 के सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में इस समय 30 हजार के करीब टीबी के मरीज हैं, जबकि 2020 का नोटिफिकेशन सर्वे 62% था. वर्तमान में नोटिफिकेशन 72% है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग 100% लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है. इसके लिए मरीज डिटेक्ट हों और उनका प्रॉपर इलाज किया जा सके.
एक साल में 15 लाख मौतेंः उन्होंने बताया कि लेट डिटेक्शन के कारण 1 टीबी का मरीज 10 से 11 लोगों को संक्रमित कर सकता है. उसको रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में हर साल करीब 15 लाख लोगों की मौत क्षय रोग (Tuberculosis disease) के कारण हो जाती है. इनमें से एक चौथाई से ज्यादा मौत अकेले भारत में होती है. इसलिए तपेदिक से प्रदेश को मुक्त किए जाने के प्रयास निरंतर जारी हैं.
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