देहरादून:उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, ये लोग भारतीय सेना के फर्जी डिस्चार्ज बुक व पर्सनल आई कार्ड तैयार करते थे. आर्मी इंटेलिजेंस के सहयोग से की गई इस कार्रवाई में एसटीएफ ने गिरफ्तार किए तीन अभियुक्तों के कब्जे 300 से अधिक फर्जी डिस्चार्ज बुक, आई कार्ड और 20 से अधिक सैन्य अधिकारियों की जाली मोहरे बरामद की है.
उत्तराखंड STF का सबसे बड़ा खुलासा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक अभियुक्त प्रिंटिंग प्रेस का मालिक बताया जा रहा है, जो फर्जी एक्स आर्मी की डिस्चार्ज बुक को प्रिंटिंग करता था. सेना के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने वाले एजेंटों की भी तलाश शुरू हो गई है. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि इनका काफी लंबा चौड़ा नेटवर्क है.
ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस इस गिरोह के तार से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटाकर उनकी धरपकड़ में जुटी है. इतना ही नहीं एसटीएफ के निशाने में अब वे लोग भी है जो अफगानिस्तान , इराक जैसी गल्फ देशों सहित अन्य देशों में फर्जी आर्मी दस्तावेजों के आधार पर संबंधित कंपनियों को गुमराह कर लाखों रुपए की फीस वसूल रहे थे.
आरोपियों के पास से बरामद फर्जी आईडी व अन्य सामान. ऐसे तैयार होते थे एक्स आर्मी फर्जी डिस्चार्ज व आई कार्ड
जाली दस्तावेज तैयार कर फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह एक एक्स आर्मी डिस्चार्ज बुक व पर्सनल आईडी कार्ड का 40 से 50 हज़ार रुपये वसूल कर तैयार करता था. एसटीएफ की इस बड़ी कार्रवाई में ये भी जानकारी सामने आई है कि पिछले दिनों एक साथ 100 से अधिक फर्जी सैन्य दस्तावेज तैयार कर सबसे अधिक नेपाल मूल के युवकों को अफगानिस्तान, इराक में ब्रिटिश सेना के पास सिक्योरिटी गार्ड में भेजा गया.
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प्रति व्यक्ति डेढ़ से 2 लाख वसूल कर विदेश में एक्स आर्मी कैंडिडेट बनाकर नौकरी के लिए भेजा जाता था. एसटीएफ अफगानिस्तान, इराक सहित अन्य सिक्योरिटी कंपनियों से संपर्क साधकर कबूतर बाज गिरोह के लोगों को भी तलाश कर गिरफ्तार करने में जुटी है.
उत्तराखंड एसटीएफ की इस कार्रवाई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भारतीय सेना की फर्जी एक्स आर्मी दस्तावेज तैयार कर विदेश जाने वालों के सबसे अधिक संख्या नेपाल मूल के लोगों की है.
सेना के रिटायर्ड कर्नल गिरोह का सरगना
गिरफ्तार किये गये गये तीनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उनके द्वारा लोगों को सेना का रिटायर्ड व्यक्ति बनाकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, दुबई व इराक आदि देशों में नौकरी दिलवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल की जाती थी. गिरफ्तार आरोपियों में से एक रघुवीर सिंह पाल सेना का रिटार्यड व्यक्ति है और ग्राम जोहड़ी में वर्ष 2008 से 2013 तक उप प्रधान भी रह चुका है. पूछताछ में कुछ प्लेसमेंट एजेंसियों के नाम भी प्रकाश में आई है. जिनके सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है.
गिरफ्तार अभियुक्तगण
1. विक्की थाना पुत्र कुमार बहादुर थापा, दूधली ग्राम बड़कली, थाना क्लेमनटाउन देहरादून.
2. रघुवीर सिंह पुत्र बख्तावर सिंह, निवासी जोहड़ी थाना राजपुर, देहरादून.
3. भैरवदत्त कोटनाला पुत्र आशाराम कोटनाला निवासी पंचायत भवन रोड बंजारावाला, थाना पटेलनगर, देहरादून.
आरोपियों के पास से बरामदगी
1. सेना की 100 पुस्तिका खाली- Discharge Book Army AUTH-ASEG23
2. 135 सार्टिफिकेट
3. 03 पुस्तिका भरी हुई
4. 03 पुस्तिका भरी हुई
5- 02 पुस्तिका भरी हुई
6. 67 पुस्तिका खाली Army.
7. 59 पुस्तिका खाली Discharge Book Army Blue.
8. 48 पुस्तिका खाली Discharge Book Army Green.
9. 44 पुस्तिका भती हुई
10. सेना के कार्यालय/विभिन्न अधिकारियों की 20 मोहरे व 02 पैड
11. 04 मोबाइल फोन
12. 01 कंप्यूटर
देहरादून के इन स्थानों पर चल रहा फर्जीवाड़ा
भारतीय सेना के फर्जी एक्स आर्मी डिस्चार्ज बुक व पर्सनल आईडी तैयार करने वाले गिरोह से पूछताछ में इस बात की भी जानकारी सामने आई है कि देहरादून के कई हिस्सों में दस्तावेज तैयार करने से लेकर कबूतर बाजी का गोरख धंधा चल रहा है. देहरादून के क्लेमेंट टाउन, रायपुर, अनार वाला, जोड़ी गांव, नयागांव, जाखन, गढ़ी कैंट, ठाकुरपुर और सेलाकुई सहित कई हिस्सों में कंपनियों के दलाल काम कर रहे हैं, जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर लाखों रुपए वसूल कर खाड़ी देशों में युवकों को फ़र्जी एक्स आर्मी के रूप में भेज रहे हैं.
गिरोह से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज से जुड़ने वाले अन्य लोगों की भी तलाश जारी है. एसटीएफ उत्तराखंड के इस सबसे बड़े खुलासे से यह जानकारी भी सामने आ रही है कि सेना के फर्जी दस्तावेज, आईडी तैयार कर गिरोह के लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं. देहरादून के कई इलाकों जैसे सैनिक बाहुल्य संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में है. इसी के मद्देनजर उत्तराखंड एसटीएफ बड़े स्तर पर इस नेटवर्क से जुड़े जाली दस्तावेज करने वाले अन्य गिरोहों और नेटवर्क के साथ-साथ विदेश भेजने वाले कबूतर बाज एजेंटों की गिरफ्तारी में जुटी है.