देहरादून:उत्तराखंड के कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज का मामला पिछले कई सालों से चर्चाओं में है. भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की पैरवी की थी. यही नहीं, तात्कालिक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तात्कालिक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच मेडिकल कॉलेज को लेकर तनातनी रही. बात हरक सिंह रावत के इस्तीफे पर देने तक पहुंच गई थी. ऐसे में अब कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज ना बनाए जाने के सरकार के फैसले के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को आवंटित भूमि को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
यहां एक ओर खनन माफिया, मेडिकल कॉलेज की भूमि को खोद डाली है, वहीं, स्वास्थ्य मंत्री, कार्यवाही की बजाय गेंद, जिला अधिकारी के पाले में डालते नजर आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकता. उन्होंने कहा हर जिले एक मेडिकल कॉलेज बनने का प्रावधान है. लिहाजा, कोटद्वार में अभी मेडिकल कॉलेज बनने की कोई संभावना नहीं है. इसके बाद अब कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए दी गई भूमि को लेकर नया मामला शुरू हो गया है.