देहरादूनः फर्जी रजिस्ट्री मामले में एक और आरोपी को एसआईटी की टीम ने अंबाला, हरियाणा से गिरफ्तार किया है. आरोपी द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर जमीनों के फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी की गई थी. एसआईटी पूर्व में फर्जी रजिस्ट्री मामले में गिरफ्तार 13 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर चुकी है. अब तक मामले में 14 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
देहरादून में जमीनों के फर्जी विलेख (डीड) आदि प्रपत्रों को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में संबंधित रजिस्टरों में दर्ज कर, उन जमीनों को फर्जी व्यक्तियों के नाम पर खरीद फरोख्त का फर्जीवाड़ा मामला सामने आने पर रजिस्ट्रार कार्यालय के सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव द्वारा कोतवाली नगर देहरादून में कई मुकदमे पंजीकृत कराए जा चुके हैं. इन मामलों पर एसआईटी टीम द्वारा लगातार जांच की जा रही है. अब तक कई आरोपियों की गिरफ्तारी कर जेल भी भेजा जा चुका है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपियों के नाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ भी कार्रवाई जारी है.
रवि कोहली का नाम आया सामने: मामले के मुताबिक, सहायक महानिरीक्षक निबंधन संदीप श्रीवास्तव द्वारा माजरा स्थित लगभग 55 बीघा जमीन के फर्जी विलेख तैयार करने के संबंध में कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. मुकदमे में पहले ही आरोपी समीर और हुमायूं परवेज को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपियों से पूछताछ के आधार पर सामने आए एक अन्य आरोपी रवि कोहली निवासी जिला अंबाला, हरियाणा को एसआईटी द्वारा पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया.
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विवादित जमीनों पर रहती थी टेढ़ी नजर: नगर कोतवाली प्रभारी राजेश शाह ने बताया कि आरोपी रवि कोहली पहले अपने परिवार के साथ माजरा में रहता था. रिटायरमेंट के बाद साल 2015 में उसने देहरादून में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया. जमीन के सिलसिले में उसकी मुलाकात समीर और हुमायूं परवेज से हुई, जिनके साथ मिलकर रवि कोहली भी प्रॉपर्टी का काम करने लगा. उनके द्वारा ऐसी जमीन की तलाश की जाती थी, जिसके मालिक का कोई पता न हो या जिस पर दो पक्षों का विवाद चल रहा हो. उसके बाद आरोपी सहारनपुर जाकर जमीन के कागज चेक करते थे और वहां रिकॉर्ड बदल देते थे.
विवादित 10 बीघा जमीन के लिए रचा जाल: आरोपी हुमायूं परवेज की सहारनपुर रिकॉर्ड रूम में अच्छी जान पहचान होने के कारण कुछ पैसे देकर रिकॉर्ड बदलवाने में कामयाब हो जाते थे. आरोपी द्वारा माजरा स्थित एक प्रॉपर्टी की रैकी की गई. उक्त प्रॉपर्टी 10 बीघा के करीब थी और उसके मालिक साधू सिंह की मृत्यु के बाद संपत्ति पर साधू सिंह की पत्नी निरंजन कौर और बेटी शीतल मंद के बीच सिविल कोर्ट में विवाद चल रहा था. तीनों ने मिलकर उक्त संपत्ति के फर्जी कागजात तैयार किए और आरोपी रवि के दादा पिशोरी लाल के नाम पर करने की योजना बनाई. साल 2018 में समीर और हुमायूं परवेज द्वारा सहारनपुर से एक पुराना रिकॉर्ड लेकर एक फर्जी बैनामा सरदार साधू सिंह से आरोपी (रवि कोहली) के दादा पिशोरी लाल के नाम करवाया.
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योजना को अंजाम तक पहुंचाने से पहले पकड़े गए साथी: इसके बाद आरोपी हुमायूं परवेज ने सहारनपुर जाकर उसे रिकॉर्ड पर लगा दिया. उसके बाद आरोपियों द्वारा नकल दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति की मालिक शीतल मंद को नोटिस भी भिजवाया गया. आरोपियों की योजना के मुताबिक संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी समीर कामयाब के नाम करके उक्त जमीन को बेचने की फिराक में थे. लेकिन समीर और हुमायूं परवेज के फर्जी रजिस्ट्री मामले में जेल चले जाने पर शीतल मंद द्वारा पटेल नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई. हालांकि, आरोपियों द्वारा कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली गई है.