देहरादून: राज्य सरकार ने कोविड कर्फ्यू में राहत देते हुए अब बाजारों को एक दिन के अंतराल में शाम 5 बजे तक खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी है. इसके बावजूद राजधानी के सबसे पुराने पलटन बाजार में पहले वाली रौनक देखने को नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से पलटन बाजार के 300 से ज्यादा व्यापारी खासे परेशान हैं.
ETV भारत की टीम जब पलटन बाजार पहुंची तो पहले वाली रौनक देखने को नहीं मिली. सामान्य दिनों में पलटन बाजार में कदम रखने तक की जगह नहीं हुआ करती थी. उसी पलटन बाजार में आज बेहद ही सीमित संख्या में लोग खरीदारी करने के लिए पहुंचे दिखाई दिए. हालांकि, खरीददारी के दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नहीं दिखाई दिए.
स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि वह अपनी दुकान सुबह 8 बजे खोल देते हैं, लेकिन पहली बोनी होने में आधा दिन बीत जाता है. वहीं, शाम 5 बजे तक उन्हें दुकान बंद करनी पड़ती हैं. ऐसे में सरकार की ओर से दी गई राहत के बावजूद लगता नहीं कि जल्द ही उनका व्यापार दोबारा पटरी पर लौट सकेगा.
पलटन बाजार की रौनक पड़ी फीकी
दरअसल देहरादून के प्रसिद्ध पलटन बाजार की फीकी पड़ी रौनक के पीछे की तीन अहम वजह हैं. पहला दुकानों का सिर्फ शाम 5 बजे तक खुलना. दूसरा स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक गर्मियों के मौसम में लोग तेज धूप में खरीदारी करने के लिए निकलना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन शाम होते ही उन्हें अपनी दुकानें बंद करनी पड़ रही हैं. तीसरा स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इन दिनों पलटन बाजार में टाइल्स बिछाने का काम चल रहा है. जिसकी वजह से व्यापारियों को परेशानी हो रही है.
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स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पलटन बाजार की सूरत को पूरी तरह से बदला जा रहा है. बाजार की मुख्य सड़क में टाइल्स बिछाने का काम चल रहा है. जिसकी वजह से पूरा बाजार इन दिनों बेहद ही बदहाल स्थिति में है. जो थोड़े बहुत लोग बाजार का रुख कर भी रहे हैं, उन्हें भी यहां पैदल चलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना ने तोड़ी जनता की कमर
पलटन बाजार के स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि कोरोना काल में आम जनता की आर्थिक स्थिति पर काफी गहरी चोट पहुंची है. जिसकी वजह से लोग गैर जरूरी चीजों की खरीदारी करने में परहेज कर रहे हैं. यही कारण है कि बाजार में अब वह पहले वाली भीड़-भाड़ देखने को नहीं मिल रही.