देहरादून:उत्तराखंड में पहली बार टाइगर रीलोकेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत कई महीनों की तैयारी के बाद आखिरकार कॉर्बेट नेशनल पार्क से पहली बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया. हालांकि कार्यक्रम के तहत 5 बाघों को राजाजी नेशनल पार्क में लाया जाना है, लेकिन शुरुआत में दो बाघों की परमिशन दी गई है. जिसमें सबसे पहले एक बाघिन को कॉर्बेट से राजाजी के लिए ट्रैंकुलाइज करने के बाद रवाना किया गया.
पहली बाघिन कॉर्बेट से राजाजी नेशनल पार्क की गई शिफ्ट, जानिए वजह - rajaji tiver reserve dehradun news
टाइगर रीलोकेशन प्रोग्राम के तहत आखिरकार पहली बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया है. इससे पहले बाघिन को ट्रैंकुलाइज कर बाड़े में डाला गया और इसके बाद एक एंबुलेंस के जरिए राजाजी के लिए रवाना किया गया.
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गौर हो कि राजाजी के पश्चिम क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ाने का यह पूरा कार्यक्रम चलाया गया है, जबकि काफी पहले ही राजाजी की एक टीम कॉर्बेट में जाकर रीलोकेशन के कार्यक्रम को कॉर्बेट में मौजूद अधिकारियों के साथ मिलकर पूरा करने में जुटी थी. मोतीचूर रेंज में बनाया गया बाड़ा भी काफी पहले बनाया जा चुका है. कॉर्बेट से राजाजी नेशनल पार्क लाई जा रही इस बाघिन को रेडियो कॉलर किया गया है ताकि इस पर आसानी से नजर रखा जा सके. इस प्रोग्राम के तहत इसके बाद एक बाघ को राजाजी नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जाएगा, जबकि उसके बाद दो बाघिन और एक और बाघ को भी राजाजी के पश्चिम क्षेत्र में छोड़ा जाएगा.