देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने रुड़की शराब कांड पर सरकार को घेरते हुए हंगामा किया. विपक्ष ने नियम 310 के तहत जहरीली शराब से हुई मौतों पर चर्चा करते हुए ETV भारत द्वारा उठाये गए सवाल पर सीएम और आबकारी विभाग से जवाब मांगा. साथ ही आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष वेल में उतरा. इस दौरान सरकार को दलित विरोधी बताते हुए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर लिया. फिलहाल, सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी गयी है.
दरअसल, बीते दिनों ईटीवी भारत ने प्रमुख्ता से दिखाया था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र और आबकारी विभाग से जुड़ा कोई भी अधिकारी पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं पहुंचा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेसियों ने जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में इस मुद्दे को उठाया और सरकार से जवाब मांगा. कांग्रेस ने कहा कि 30 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद भी सरकार की तरफ से कोई भी मृतक आश्रितों और बीमारों के परिजन से मिलने क्यों नहीं पहुंचा. इस मामले पर हंगामा करते हुए विपक्ष ने आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए वेल में उतर आये. हंगामे के बाद सरकार को दलित विरोधी बताते हुए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.
विपक्ष ने सरकार को बताया दलित विरोधी, किया वॉकआउट
वेल में उतरे विपक्ष ने सरकार को दलित विरोधी बताते हुए जमकर नारेबाजी की. विपक्ष के विधायकों ने कहा कि रुड़की शराब कांड में मरने वालों में सबसे ज्यादा दलित थे. सरकार दलित विरोधी है इसलिए उनकी तरफ से अबतक कोई भी मृतकों के परिजन और जहरीली शराब से पीड़ित लोगों से मिलने नहीं पहुंचा. वहीं विपक्ष के दलित विरोधी नारे के बीच भी सदन की कार्यवाही जारी है. सत्ता पक्ष विधायकों के हंगामे के बीच अपने क्षेत्रों की समस्या को रख रही है. बीजेपी के विधायकों द्वारा रखी जा रही समस्याओं के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर लिया.
सदन में रखे गए ये दो विधेयक
उत्तराखंड अधिनस्त सेवा चयन आयोग संसोधन विधेयक 2019
हिमालयी विश्वविद्यालय संसोधन विधेयक 2019
ममता राकेश ने सुनाई शराब कांड की दर्दनाक दास्तान
वहीं सदन में विधायक ममता राकेश ने जहरीली शराब कांड की दर्दनाक दास्तान भी सुनाई. उन्होंने बताया कि श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लोगों को जगह भी नहीं मिल रही है. हर दिन कोई न कोई जहरीली शराब कांड की वजह से काल के गाल में समा रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से किसी पीड़ित की सुध नहीं ली जा रही है.