देहरादून: देश-दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने के लिए एसडीआरएफ की भूमिका एक बार फिर अहम मानी जा रही है. एसडीआरएफ की 32 टुकड़ियां 11 जून से शुरु होने वाली इस यात्रा का चाइना बॉर्डर तक सफल तरीके से संचालन कर रही हैं.
बता दें, अभी तक 14 दलों में 840 श्रद्धालु सुरक्षित मानसरोवर यात्रा कर चुके हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं ने एसडीआरएफ को ई-मेल व पत्रों के माध्यम से धन्यवाद प्रकट किया है. साथ ही अपने सुक्षाव भी दिए हैं. एसडीआरएफ ने भी श्रद्धालुओं के सभी सुझावों को प्राथमिकता के तौर पर रखते हुए आगामी वर्ष में बेहतर यात्रा सुधार के रूप अमल में लाने का आश्वासन दिया है.
एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल बता दें, अभी तक इस वर्ष 11 जून 2019 से दिल्ली से शुरू होकर 5 सितंबर 2019 तक चलने वाली इस यात्रा में 18 दल हैं. जिनमें से 14 जत्थों को मानसरोवर की यात्रा करवाई जा चुकी है, प्रत्येक जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल हैं. जिनके साथ एसडीआरएफ अलग-अलग विशेषज्ञों सहित मेडिकल टीम शामिल है. हालांकि, अभी चार जत्थों की यात्रा होना बाकी है जो 5 सितंबर तक पूरी की जानी है.
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एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से एसडीआरएफ की विशेष टुकड़ियां मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं, जबकि ज्यादातर मानसून सीजन में चलने वाली इस मानसरोवर यात्रा के दौरान दुर्गम रास्तों को पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि लैंडस्लाइडिंग, बादल फटने जैसी कई बाधाओं को पार कर यात्रा कराना चुनौतीपूर्ण काम है. इसके अलावा ई-मेल व पत्र के जरिए जो भी सुझाव एसडीआरएफ को मिले हैं, आगामी यात्रा में उनको अमल में लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.