नई दिल्ली/देहरादून:उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या के आरोप में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम उनकी पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार कर चुकी है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ईटीवी भारत ने रोहित की मां उज्ज्वला से बात की. उनका कहना है कि इस पूरे मामले पर उन्हें ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है, क्राइम ब्रांच के पास काफी सबूत हैं और सच धीरे-धीरे सामने आ रहा है.
उज्ज्वला तिवारी का कहना है कि अपूर्वा पुलिस के सामने गुनाह कबूल कर चुकी है. अगर उसका ये अपराध सिद्ध होता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बताया कि रोहित की मौत के बाद उसकी अस्थियां विसर्जित करने वो अपूर्वा के साथ हरिद्वार गई थीं. उस दौरान अपूर्वा बेहद दुखी दिख रही थी और उसने रास्ते में कहा कि उसकी जिंदगी में अब कुछ भी नहीं बचा है. उसने उज्ज्वला से कहा कि " मां अब आप ही मेरा सहारा हैं. अब मेरी जिंदगी का एक ही मकसद है कि यहां रहकर आपकी सेवा करूं". उज्जवला ने कहा कि ये सब सुनकर उन्हें भी ऐसा नहीं लगा कि रोहित की हत्या अपूर्वा ने की होगी.
संपत्ति को लेकर भी रखी बात
उज्जवला शर्मा ने बताया कि अभी प्रॉपर्टी उनके पास है. उनके जीते जी ये प्रॉपर्टी किसी को भी नहीं मिलने वाली थी. ऐसे में इस बात का सवाल नहीं उठता है कि इस प्रॉपर्टी में से अपूर्वा को हिस्सा मिलता या नहीं, ये तय करने के लिए अभी उनके पास समय था. वो बाद में ये तय करतीं कि इस प्रॉपर्टी में से किसको क्या दिया जाए. अभी ये तो मुद्दा ही नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वसीहत उनकी मौत के बाद ही लागू होगी.
सरलता का उठाया फायदा
उज्ज्वला शर्मा ने बताया कि अपूर्वा ने उनकी सरलता का फायदा उठाया. उनके बेटे की हत्या करने के बाद भी वो उनके साथ ही रह रही थी. अंतिम संस्कार से लेकर अस्थि विसर्जन तक वो उनके साथ गई. उसने ये भनक तक नहीं लगने दी कि रोहित की हत्या में उसका हाथ है, लेकिन अब वो अपने पति की मौत के बाद उसका चरित्र हनन करने में लग गई. उज्ज्वला शर्मा ने कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है, इसलिए उसे लेकर वो फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करेंगी.
क्या था पूरा घटनाक्रम
15 अप्रैल को रोहित उत्तराखंड से दिल्ली पहुंच गये थे. यहां उनके डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर रात लगभग 10 बजे काठगोदाम से रोहित उसके रिश्तेदार और उनकी मां पहुंचीं. कुछ देर बातचीत करने के बाद रोहित की मां और रिश्तेदार चले गए. रात लगभग 11 बजे रोहित ने अकेले खाना खाया और फिर अपने कमरे में सोने चला गया. उधर सभी नौकर सोने चले गए लेकिन रोहित की पत्नी अपूर्वा जागती रही. अपूर्वा ने लगभग 12 बजे अकेले खाना खाया और फिर कुछ देर टीवी देखने के बाद सोने चली गई. रात के समय क्या हुआ किसी को खबर नहीं. बस अगले दिन दोपहर तक रोहित नहीं जागा.
जब मां उज्ज्वला ने पूछा तो बताया गया कि वो सो रहे हैं लेकिन शाम 4 बजे अपूर्वा ने नौकर भोलू को रोहित को जगाने भेजा तो नौकर ने देखा कि रोहित की नाक से खून निकल रहा था. रोहित को तुरंत साकेत मैक्स अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रोहित की सांसें थम चुकी थीं.
पहले तो यही बात सामने आई कि हार्ट अटैक या ब्रेन हैमरेज के कारण रोहित की मौत हुई है लेकिन गले पर पड़े निशानों के कारण पुलिस को कुछ शक हुआ. 17 अप्रैल को एम्स ट्रामा सेंटर में पोस्टमार्टम होने के बाद मौत की पूरी कहानी पलट गई. जिसे पहले सामान्य मौत माना जा रहा था वह अप्राकृतिक मौत बन चुकी थी. पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी.
19 अप्रैल से लेकर 23 अप्रैल तक क्राइम ब्रांच की तफ्तीश चली. 24 अप्रैल को सात दिन की तफ्तीश के बाद आखिरकार क्राइम ब्रांच ने अपूर्वा को हत्या का गुनाह कबूल करने पर मजबूर कर दिया. पुलिस ने उसके सामने जब साक्ष्य रखे तो वह अपने ही बयानों में उलझती चली गई. दरअसल, अपूर्वा को लग रहा था कि रोहित शेखर उसे तलाक देने वाला है. ऐसे में उसके हाथ कोई प्रॉपर्टी नहीं लगने वाली थी. दूसरी तरफ रोहित शेखर के किसी महिला रिश्तेदार से भी नजदीकी संबंध थे, जिससे वह नाराज थी.
अपूर्वा ने पुलिस को बताया कि 15 अप्रैल की रात उसने सबसे आखिर में खाना खाया. इसके बाद वह कुछ देर तक टीवी देखती रही. रात 12:45 बजे अपूर्वा पहली मंजिल पर कमरे में सो रहे रोहित के पास गई. वहां दोनों के बीच रोहित की महिला रिश्तेदार को लेकर झगड़ा शुरू हुआ. इस झगड़े में अपूर्वा ने रोहित का मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी. हत्या करने के बाद अपूर्वा अपने कमरे में चली गई.