देहरादून:उत्तराखंड में कांग्रेस ने नए चेहरों को तवज्जो देकर यह जाहिर कर दिया है कि पार्टी अब युवा चेहरों पर ही दांव खेलने जा रही है. हालांकि, इस निर्णय से पार्टी के भीतर कुछ घमासान की स्थिति बन गई है. जिसका नेतृत्व खुद पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कर रहे हैं. वैसे तो इस नाराजगी के पीछे कांग्रेस हाईकमान की राजनीतिक चूक को वजह माना जा रहा है लेकिन कुछ और भी है जो पार्टी के नेताओं को भीतरखाने परेशान कर रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड कांग्रेस अब युवा अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करेगी. पार्टी ने अध्यक्ष पद पर हरीश रावत और तमाम दूसरे बड़े दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर यह संदेश दे दिया है कि अब उत्तराखंड में कांग्रेस की कमान सेकंड लीडरशिप ही संभालेगी यानी प्रदेश में अब कांग्रेस युवाओं पर ही दांव खेलने जा रही है. उधर, उप नेता प्रतिपक्ष के तौर पर भुवन कापड़ी को जिम्मेदारी देकर कांग्रेस ने कुछ ऐसा ही संदेश दिया है.
कांग्रेस पार्टी में क्यों मचा घमासान. दरअसल, पार्टी के पास कई सीनियर नेताओं की लंबी फेहरिस्त थी जिन्हें पार्टी इन महत्वपूर्ण पदों से नवाज सकती थी लेकिन ऐसा ना करते हुए कांग्रेस हाईकमान ने युवाओं को ही मौका दिया है. जाहिर है कि अब आगामी चुनाव में युवाओं की बदौलत ही पार्टी सत्ता में आना चाहती है.
वैसे तो राज्य में उत्तराखंड कांग्रेस को लेकर 3 चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है लेकिन विवाद नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर ही है. यह वह पद है जिस पर यशपाल आर्य पर भरोसा जताया गया है. इस पद पर पहले प्रीतम सिंह जिम्मेदारी संभाल रहे थे लेकिन अब यशपाल आर्य इस पद के लिए काम करते हुए नजर आएंगे. कांग्रेस हाईकमान की राजनीतिक चूक के रूप में सबसे पहले तो गढ़वाल और कुमाऊं में सामंजस्य नहीं रख पाने की बातें सामने आ रही है. जिसने पार्टी के अंदर नेताओं में काफी ज्यादा आक्रोश पैदा कर दिया है.
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उधर, दूसरी तरफ पार्टी हाईकमान के इस फैसले का विरोध इसलिए भी हो रहा है क्योंकि इस पद पर यशपाल आर्य को जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि, इस बात को सार्वजनिक रूप से नहीं कहा जा रहा लेकिन अंदर खाने पार्टी के नेता ये कह रहे हैं कि जिस व्यक्ति ने 2017 में कांग्रेस को धोखा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली. ऐसे व्यक्ति को कांग्रेस में वापस आते ही इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है. बस इसी सवाल के साथ पार्टी के कई नेता अंदर खाने हाईकमान के फैसले पर आपत्ति दर्ज करवा रहे हैं.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर प्रीतम सिंह के सवाल खड़ा करने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने भी उनका समर्थन कर दिया है. रणजीत रावत ने कहा कि प्रीतम सिंह बेहतर काम कर रहे थे उन्हें इस पद से नवाजा जाना चाहिए था. यही नहीं उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान जिस तरह टिकट को लेकर गलत निर्णय लिए गए उससे भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है.