देहरादूनःउत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. आगामी 14 फरवरी को मतदान होना है. ऐसे में देहरादून के 10 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव कराने की जिम्मेदारी जिले के 10,500 कर्मचारियों के कंधों पर है. इसके लिए प्रथम चरण में 15 जनवरी से पीठासीन अधिकारी और प्रथम नोडल ऑफिसर की ट्रेनिंग गतिमान है, जो 21 जनवरी को समाप्त होगी. वहीं, दूसरे चरण में पोलिंग ऑफिसर द्वितीय और पोलिंग ऑफिसर तृतीय की ट्रेनिंग शुरू कराई जाएगी.
चुनाव के दौरान अलग-अलग पोलिंग स्टेशनों में निगरानी की जिम्मेदारी संभालने वाले सेक्टर और जोनल ऑफिसर समेत अन्य नोडल अधिकारियों की निर्वाचन को लेकर ट्रेनिंग पहले ही संपन्न कराई जा चुकी है. देहरादून के 10 महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी से लेकर पोलिंग ऑफिसर तृतीय तक में 10,500 कर्मचारियों की जिम्मेदारियों को अलग-अलग भागों में बांटकर ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है.
देहरादून में 10500 कर्मियों पर होगी चुनाव की जिम्मेदारी. ये भी पढ़ेंःस्वामी यतीश्वरानंद को निर्वाचन आयोग ने भेजा नोटिस, कांग्रेस की शिकायत पर हुई कार्रवाई
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए आ रहे हैं प्रार्थना पत्रःवहीं, कुछ लोग चुनाव की ड्यूटी से बचने के लिए कोविड और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर निर्वाचन अधिकारी के पास प्रार्थना पत्र भी भेज रहे हैं. लेकिन इस मामले में देहरादून जिला निर्वाचन अधिकारी आर राजेश कुमार का साफतौर पर कहना है कि बहुत ज्यादा दयनीय और गंभीर स्थिति वाले लोगों को ही चुनाव ड्यूटी से वंचित रखा जाएगा.
ऐसे में जो भी प्रार्थना पत्र आ रहे हैं, उनके बारे में जांच-पड़ताल और सत्यापन की कार्रवाई जारी है. डीएम आर राजेश कुमार के मुताबिक, कोविड के बढ़ते संक्रमण और गाइडलाइन के मद्देननजर पोलिंग स्टेशन और बूथ इस बार पहले से ज्यादा बनाए गए हैं. इस कारण इस बार चुनाव में ड्यूटी कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार शत प्रतिशत पहले से ज्यादा लगाई जा रही हैं.
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बुधवार से शुरू होगी ईवीएम मशीनों की जांच पड़तालः वहीं, दूसरी तरफ ईवीएम मशीनों (Electronic Voting Machine) की जांच पड़ताल के लिए देहरादून में रैंडमली चेकअप का प्रथम चरण बुधवार यानी 19 जनवरी 2022 से शुरू कर दिया जाएगा. इस दौरान ईवीएम मशीनों की पूरी परफॉर्मेंस को बारीकी से चेक करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी चुनाव में ड्यूटी लगने वाले अधिकारियों को दी गई है. जिसमें तकनीकी लोग भी शामिल होंगे. वहीं, द्वितीय चरण में ईवीएम मशीनों की जांच पड़ताल और रैंडमली चेकअप की प्रक्रिया चुनाव से पहले ईवीएम ऑब्जर्वर के आने पर उनके समक्ष विस्तृत तकनीकी रूप में फाइनल की जाएगी.