देहरादून: उत्तराखंड की जनता पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है. उत्तराखंड में परिवहन निगम की बसों समेत सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया 15 से 50 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है. वहीं, सवारी वाहनों के अलावा मालभाड़ा वाहनों के किराए में भी 35 से 38 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है. किराए में हुई ये बढ़ोतरी उत्तराखंड की सीमा में ही लागू होगी.
राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) की तरफ से अधिकतम किराया 1.26 रुपए प्रति किलोमीटर (मैदानी) में नई दरें लागू की हैं. वहीं, STA की नई दरों के अलावा उत्तराखंड परिवहन निगम ने यात्रियों से बसों के सर्विसेज के रूप में 20 प्रतिशत सरचार्ज के हिसाब से किराया बढ़ा दिया है. यानी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में यात्रियों से अब 1.83 पैसे के हिसाब से किराया वसूला जाएगा. वहीं, दूसरी ओर राज्य के पर्वतीय इलाकों में STA की तरफ से पहले 1.83 पैसे था, उस पर अब रोडवेज का सरचार्ज लगकर ₹2.20 पैसे प्रति किलोमीटर किया गया है.
पढ़ें- ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे लैंडस्लाइड के कारण बंद, बीच रास्ते में फंसे पर्यटक बढ़े हुए किराए में उत्तराखंड रोडवेज को सिर्फ एक तिहाई ऑपरेशन में ही लाभ मिलेगा. जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में नए किराया बढ़ोतरी से रोडवेज को एक तिहाई बसों के ऑपरेशन में 20 फीसदी राजस्व का फायदा होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि रोडवेज की एक तिहाई बसें यानी 30% वाहन ही उत्तराखंड में संचालित है जबकि 50 फीसदी उत्तर प्रदेश में और 20 प्रतिशत अन्य राज्यों में संचालित हैं. फिलहाल यह किराया सिर्फ उत्तराखंड सर्विसेज में ही बढ़ा है. किराए बढ़ने से उत्तराखंड रोडवेज को रोजाना करीब 10 से 15 लाख रुपए का राजस्व मिलेगा.
डग्गामार वाहनों पर लगाम कसने से होगा फायदा: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी के मुताबिक, किराया वृद्धि करने से राज्य की रोडवेज को कोई खास राजस्व प्राप्त नहीं होगा. क्योंकि प्रदेश की अधिकतर 70 फीसदी बसें मुख्य रूप से यूपी और अन्य राज्यों में संचालित है. जब तक वहां किराया नहीं बढ़ता तब तक कोई खास राजस्व निगम को प्राप्त नहीं हो सकता.
पढ़ें-ऑलवेदर रोड का काम देख रही हिलवेज कंपनी के खिलाफ थाने में तहरीर, VHP ने लगाए गंभीर आरोप
अशोक चौधरी के मुताबिक राज्य में किराया बढ़ोतरी की जगह अगर परिवहन विभाग और STA टैक्स चोरी कर डग्गामारी निजी वाहनों पर लगाम लगा दे, तो इससे अधिक फायदा न सिर्फ उत्तराखंड रोडवेज को होगा बल्कि यात्रियों पर भी किराए का बोझ नहीं पड़ेगा. अगर सख्ती से राज्य में निजी बसों की डग्गामारी बंद कर दी जाए तो कम से कम प्रतिदिन 30 से 40 लाख रुपए का सीधा मुनाफा रोडवेज राजस्व को होगा. ऐसा करने से परिवहन विभाग न सिर्फ रोडवेज की मदद कर सकता है बल्कि यात्रियों को किराए के बहुत से भी निजात दिला सकता है.