देहरादून: उत्तराखंड समेत देश भर में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लग चुका है. केंद्र के निर्देशों के बाद तमाम राज्यों पर अब इनके इंप्लीमेंट की बड़ी जिम्मेदारी है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने देहरादून की मंडियों और बाजारों में रियलिटी चेक के जरिए यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार देश भर में आज से लागू होने जा रहे इस नियम को लेकर लोग कितना जागरूक हैं और इस पर कितना काम हुआ है.
देहरादून के बाजारों में पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर लोग कितने जागरूक हैं, इस बात का अंदाजा मंडियों और बाजारों में खुलेआम हो रहे पॉलीथिन के प्रयोग से लगाया जा सकता है. बता दें कि उत्तराखंड समेत देशभर में आज से सिंगल यूज पॉलीथिन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसके अलावा प्लास्टिक के चम्मच, कटोरे समेत रोजमर्रा की जरूरत से जुड़ी तमाम प्लास्टिक की चीजों पर भी रोक लगाई गई है.
नियमों का पालन ना करने वालों के लिए भी सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. इसमें प्रयोग करने वाले लोगों पर 500 से ₹2000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. उधर, औद्योगिक संस्थानों के रूप में 20,000 से लेकर 100000 तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है. पॉलीथिन पर बैन को लेकर ईटीवी भारत ने देहरादून के बाजार में हकीकत जानने की कोशिश की और तमाम मंडियों और बाजार में भी जाकर स्थिति को देखा.
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सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम देहरादून शहर में एंट्री करने के साथ ही रिस्पना पुल स्थित मंडी के हालात जानने पहुंची. इस मंडी में खुलेआम पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा है. सब्जी या फलों के तमाम विक्रेता पॉलीथिन में ही ग्राहकों को सामान दे रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने उनसे बात की तो कुछ लोगों ने कहा कि वो आज से लागू होने वाले इस नियम को लेकर जागरूक नहीं हैं. उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा भले ही सरकार यह नियम लागू कर चुकी हो लेकिन जब तक सरकार विकल्प के तौर पर कुछ नहीं करती तब तक पॉलीथिन का प्रयोग बंद करना काफी मुश्किल है.
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इसके बाद ईटीवी भारत ने पलटन बाजार में भी जाकर स्थितियों को देखा. यहां भी पॉलीथिन के प्रयोग के लिए किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं दिखाई दी. सबसे बड़ी बात ये है कि इस दौरान किसी भी मंडी या बाजार में ना तो जिला प्रशासन की टीम मिली और ना ही नगर निगम की कोई अधिकारी कर्मचारी. इतना ही नहीं, विक्रेता भी ये बात कहते हुए नजर आए कि कोई भी पॉलीथिन पर रोकने के लिए उन्हें कुछ नहीं कहता है. उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि पॉलीथिन का विकल्प लाए, साथ ही पॉलीथिन के उत्पादन पर ही रोक लगाये.
इस्तेमाल करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई: आज से सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों का निजी उपयोग करने और उसका निर्माण करने वालों पर 100 रुपए से पांच लाख तक का जुर्माना लगेगा. देहरादून नगर निगम ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है. शहर भर में अभियान चलाने के लिए नगर निगम ने 10 सफाई निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई है. नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि, नगर निगम की टीम व्यापारियों से वार्ता करने के साथ लोगों को जागरूक करेगी. अगर जागरूकता अभियान के बाद भी कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया पॉलीथिन का उत्पादन करने वालों पर 5 लाख का जुर्माना, ट्रांसपोर्टर पर दो लाख का जुर्माना, खुदरा विक्रेता पर एक लाख का जुर्माना और व्यक्तिगत पर 100 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके साथ ही 75 माइक्रोन से पतला कैरी बैग, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैनर, थर्माकॉल की सजावट का सामान, कप, प्लेट, गिलास कांटे, चम्मच, स्ट्रॉ, ट्रे, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक और मिठाई के डिब्बे की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली फिल्म सिगरेट पैकेट प्रतिबंध के दायरे में रहेंगे.