देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) की बसों में भले ही सौ फीसदी यात्री के साथ सफर करने की अनुमति मिल गई हो, लेकिन रोडवेज बसों का संचालन (operation of roadways buses) सुचारू होने के बावजूद यात्री कोविड-19 टेस्ट (covid-19 test)से बचने के लिए डग्गामार बसों (Duggamar Buses) का सहारा ले रहे हैं. जिसकी वजह से उत्तराखंड परिवहन विभाग को राजस्व का भारी नुकसान (huge loss of revenue) हो रहा है.
देहरादून से 175 रोडवेज बसों का संचालन
देहरादून आईएसबीटी (Dehradun ISBT) से दिल्ली, यूपी, हिमाचल और चंडीगढ़ के लिए करीब 175 से अधिक बसों का संचालन होता है. इसके बावजूद उत्तराखंड रोडवेज (Uttarakhand Roadways) की बसों में यात्रियों की कमी देखी जा रही हैं. ऐसे में कोविड टेस्टिंग से बचने के लिए यात्री द्वारा डग्गामार बसों का सहारा लेने का ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया.
ISBT में अधिकांश रोडवेज बसें खाली
देहरादून आईएसबीटी में खड़ी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों (Uttarakhand Transport Corporation buses) के चालक परिचालक को सुबह से लेकर शाम तक यात्रियों का इंतजार रहता है, लेकिन आलम यह है कि अलग-अलग राज्यों को जाने वाली दर्जनों बसे खाली खड़ी हैं. बस चालकों के मुताबिक मुश्किल से दिन भर में 40 फीसदी से भी कम यात्री उत्तराखंड की बसों में सफर कर रहे हैं.
परिवहन निगम को घाटा
ऐसे में पहले से ही करोड़ों के घाटे से जूझ रहे परिवहन निगम को लगातार राजस्व का नुकसान हो रहा है. रोडवेज बस चालक और परिचालक की मानें तो इसकी मुख्य वजह कोरोना गाइडलाइन (corona guideline) के तहत यात्रियों का टेस्टिंग (testing of passengers) होना है. बता दें कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत यात्रियों को सफर के लिए कोविड टेस्टिंग (covid testing) कराना जरूरी है. वहीं, दूसरी तरफ गाइडलाइन को दरकिनार कर ISBT के बाहरी इलाकों से दर्जनों डग्गामार बसें बिना कोविड-19 टेस्टिंग के ही यात्रियों को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल जैसे राज्यों में पहुंचा रहे हैं.
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