देहरादूनःजोशीमठ में दरार और भू-धंसाव पर सबकी नजर है. आज उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ के ताजा हालातों की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 100 एलपीएम हो गया है. साथ ही जोशीमठ में तैनात तकनीकी संस्थानों के निदेशकों और वैज्ञानिकों को अध्ययन रिपोर्ट तत्काल साझा करने को कहा गया है. ताकि, आगे की कार्रवाई की जा सके.
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में 6 जनवरी को पानी का रिसाव 540 एलपीएम था. जो वर्तमान में घटकर 100 एलपीएम हो गया है. एनआईएच यानी राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की (NIH) ने जोशीमठ में रिसाव से निकल रहे पानी के सैंपल का टेस्ट किया था. जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट एनआईएच ने साझा की है. जिसमें बताया गया है कि जोशीमठ की जमीन से फूट रहे पानी का सैंपल एनटीपीसी (NTPC) टनल के पानी के सैंपल से अलग है.
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जोशीमठ में फूट रहे पानी के सैंपल में नहीं मिला सीमेंट और तेलःवहीं, बताया जा रहा था कि जोशीमठ में निकल रहे पानी में केवल शिल्ट और मिट्टी है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से कथित तौर पर कहा जा रहा था कि पानी में सीमेंट और तेल जैसा कुछ है तो यह रिपोर्ट में साबित नहीं हुआ है. एनआईएच की रिपोर्ट में साफ है कि इस पानी में केवल सिल्ट है. हालांकि, अभी यह फाइनल रिपोर्ट नहीं है.