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NGT Water Ban: मसूरी TWA ने मानवाधिकार आयोग को लिखा पत्र, पानी पर प्रतिबंध हटाने की मांग

एनजीटी (National Green Tribunal) ने देहरादून के डीएम को मसूरी झील के पानी का व्यावसायिक उपयोग बंद करने का आदेश दिया है. इस आदेश से मसूरी के होटल व्यवसायियों के सामने पेयजल की एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने पत्र लिखकर मानवाधिकार आयोग से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

NGT Water Ban
मसूरी समाचार

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Published : Feb 11, 2023, 11:28 AM IST

मसूरी: ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली को शिकायत की गई है. शिकायत में मसूरी में एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अभिकरण) के निर्देशों के बाद मसूरी धोबी घाट झील से टैंकरों के माध्यम से पेयजल सप्लाई पर रोक हटाने की मांग की गई है. एसोसिएशन का कहना है कि इस कारण मसूरी के होटल, होमस्टे और गेस्ट हाउस संचालकों के सामने पेयजल का संकट मंडराने लगा है.

मसूरी में हैं 322 रजिस्टर्ड होटल: मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी में में 322 पंजीकृत होटल हैं. 245 पंजीकृत होम स्टे हैं. अनगिनत गेस्ट हाउस हैं. लगभग 5600 उत्तराखंड जल संस्थान के उपभोक्ता हैं. उन्होंने कहा कि मसूरी में 14 एमएलडी पानी की आवश्यकता रहती है. उत्तराखंड जल संस्थान, मसूरी के पास सिर्फ 7 एमएलडी पानी की उपलब्धता है. इसको वह कनेक्शन द्वारा उपभोक्ताओं को देते हैं. बाकी 7 एमएलडी पानी की उपलब्धता मसूरी के आस पास के पानी के प्राकृतिक स्रोतों से निजी पानी के टैंकर द्वारा होती रही है.

12 जनवरी को आया नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश: इसी प्रकार से मसूरी में पूर्ण रूप से रिहायशी और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को पानी की पूर्ति होती है. हाल ही में 12 जनवरी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली, द्वारा निर्देश देते हुए मसूरी में झील, प्राकृतिक पानी के स्रोत से पानी होटलों को टैंकरों के माध्यम से सप्लाई किये जाने पर रोक लगा दी गई थी.
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मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने मानवाधिकार आयोग को लिखा पत्र: उन्होंने कहा कि एनजीटी के निर्देश से मसूरी के लोगो में भारी आक्रोश व्याप्त है. पानी न मिलना मानव अधिकार का हनन है. उन्होंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से आग्रह किया कि एनजीटी के द्वारा दिए गए फैसले पर जल्द से जल्द हस्तक्षेप करके पानी की पूर्ति में आई रुकावट को दूर किया जाए. मसूरी निवासियों के अधिकारों का संरक्षण किया जाए.

नोटिफाइड सर्वे पर समीक्षा बैठक: एसडीएम द्वारा मसूरी में 218 प्राइवेट स्टेट के नोटिफाइड डिनोटिफाइड के सर्वे को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर समीक्षा बैठक की गई. इस मौके पर मसूरी वन प्रभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, सर्वे ऑफ इंडिया, मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों द्वारा 218 में से दूसरे चरण में 71 प्राइवेट स्टेट का सर्वेक्षण किया जा चुका है. वहीं 27 स्टेट्स का नोटिफाई और डी नोटिफाई का सर्वे रुका हुआ है.जिसमें से 14 स्टेट का सर्वे कर बाउंड्री की जा रही है.

एसडीएम को बताया गया कि कई जगह सर्वे किए जाने पर कुछ लोग परेशान कर रहे हैं. जिससे उनको सर्वे करने में दिक्कत हो रही है. इसको लेकर एसडीएम मसूरी ने टीम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मसूरी में सर्वे का कार्य सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद किया जा रहा है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को सर्वे को लेकर आपत्ति है तो वह सक्षम अधिकारी या न्यायालय से आर्डर उपलब्ध कराये. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति सर्वे के कार्य में बेवजह आपत्ति करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 2010-11 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद मसूरी के 218 प्राइवेट स्टेट के नोटिफाइड और डिनोटिफाइड किए जाने को लेकर कार्य शुरू किया गया था. परंतु कुछ तकनीकी दिक्कत के कारण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इसको लेकर उच्च अधिकारियों के निर्देशों के बाद अब सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य योजना तैयार की जा रही है. जिससे कि जल्द से जल्द 218 प्राइवेट स्टेट के सर्वे का काम पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया काफी लंबे से चल रही है. ऐसे में इसको जल्द पूर्ण करना है, जिसके लिये कार्य योजना तैयार की गई. 23 फरवरी को अधिकारियों को दिये गए निर्देशों के तहत किये गए समीक्षा कार्य के लिए बैठक बुलाई गई है.

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