देहरादून:मोबाइल आज हर किसी की जरूरत बन चुका है, लेकिन ई-वेस्ट के विषय में लोग अभी भी अंजान हैं. वहीं, पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली एक निजी संस्था ने ई-कचरा प्रबंधन नियम के तहत राजधानी में मोबाइल डीलरों से बात की. जिसके बाद पता चला कि लगभग 88% मोबाइल डीलर ई-कचरा प्रबंधन नियम से पूरी तरह अंजान हैं.
पर्यावरण के लिए घातक है ई-कचरा, निजी संस्था ने लोगों को किया जागरुक
आधुनिकता के इस दौर में आज मोबाइल हर किसी की जरूरत बन चुका है, लेकिन मोबाइल के ई-वेस्ट के निस्तारण के विषय में लोग अभी भी अंजान हैं. वहीं कुछ लोगों को ही इसके बारे में पता है.
बता दें कि ई- कचरा प्रबंधन नियम 2016 (7) के मुताबिक एक नियन बनाया गया है, जिसके तहत सभी मोबाइल डीलरों को कचरा वापस लेने के लिए उपभोक्ताओं को बॉक्स या डस्टबिन उपलब्ध करवाना होगा, लेकिन शहर के 94% मोबाइल डीलर ऐसी कोई सुविधा उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे हैं. वहीं कुल मिलाकर 88% कचरा एकत्र करने के लिए कोई तंत्र नहीं है.
वहीं, ई- कचरा प्रबंधन नियम 2016 को लेकर वास्तव में राजधानी देहरादून के मोबाइल डीलर्स कितने जागरूक हैं, इस बात का पता लगाने के लिए जब ईटीवी भारत ने खुद शहर के विभिन्न मोबाइल डीलरों से बात की तो अधिकतर लोग इससे अंजान पाये गये. इस विषय में मोबाइल डीलरों का कहना साफ था कि जब भी उनके दुकान में मोबाइल से जुड़ा कोई भी सामान खराब होता है, उसे या तो वह कचरे के ढेर में फेंक देते हैं, या फिर उपभोगता अपने साथ ही ले जाते हैं.