देहरादून:प्रदेश की नगर निकायों में स्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण और पुर्नवास के संबंध में सचिव आवास एवं शहरी विकास ने सभी जिलाधिकारियों और नगर निकायों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सचिव ने नगर निकायों के अन्तर्गत आने वाली मलिन बस्तियों को भूमि अधिकार, उनके सीमांकन और पंजीकरण के लिए 2016 की नियमावली के प्रावधानों के अनुसार गठित समिति के माध्यम से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है.
तीन श्रेणियों में से श्रेणी एक में ऐसी बस्तियां वर्गीकृत की जा सकती हैं, जिनमें आवास निवास योग्य हो और भू-स्वामित्व अधिकार निर्धारित मानकों के अनुसार प्रदान किया जा सके. श्रेणी दो में भूगर्भीय, भौगोलिक, पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में अवस्थित निवासों के ऐसे भू-भाग को वर्गीकृत किया जाना है, जिसमें कुछ सुरक्षा उपाय अपनाकर निवास योग्य बनाए जा सकें.
श्रेणी तीन में ऐसी भूमि पर स्थित आवासों को वर्गीकृत किया जा सकता है, जहां भू- स्वामी को अधिकार प्रदान किया जाना है. जहां सुरक्षा और स्वास्थ्य, मानव निवास के दृष्टिकोण उपयुक्त ना हों और ऐसे स्थानों से बस्तियों को किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाना उचित होगा. सचिव ने श्रेणियों के अन्तर्गत मलिन बस्तियों का वर्गीकरण करते हुए एक माह के भीतर अपनी संस्तुति शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं.