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...जब शहीद मेजर विभूति की पत्नी नितिका को सुन रो पड़ा था देश, आज सच हुईं वो जोशीली बातें - शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल

आज हिंदुस्तान की बेटी नितिका ढौंडियाल ने लेफ्टिनेंट के पद पर भारतीय सेना ज्वाइन कर ली है. कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी नितिका ने आज से दो साल पहले पति की शहादत पर जो जोशीले शब्द कहे तब वहां मौजूद हर शख्स का दिल रो पड़ा था.

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मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी नितिक

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Published : Feb 19, 2019, 11:40 PM IST

Updated : May 29, 2021, 1:41 PM IST

देहरादून:कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल 19 फरवरी 2019 को पंचतत्व में विलीन हो गए थे. मेजर की शहादत से उनकी पत्नी नितिका कमजोर नहीं हुईं थी, बल्कि अपने पति के पार्थिव शरीर के सामने नितिका ने जब कुछ जोशीले शब्द कहे तो वहां मौजूद हर शख्स का दिल रो पड़ा था.

मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी नितिका ने तब भी दिखाया था साहस.

"तुम झूठ बोलते थे कि तुम मुझसे प्यार करते थे
तुम तो देश से प्यार करते थे
ये बात देख कर मुझे जलन होती है
तुम जिनको जानते भी नहीं थे...तुमने उनके लिए जान दी
तुमने मुझे फोकस रहना सिखाया
विभूति मैं तुमसे अंतिम सांस तक प्यार करूंगी
मैं लोगों से कहूंगी कि लोग सहानभूति ना जताएं
मैं सब से कहूंगी कि चलो जाते-जाते इनको सब सैल्यूट करते हैं"

नितिका के प्यार को देख सबकी आंखों में आ गए थे आंसू

हमेशा-हमेशा के लिए परिवार को छोड़ गए विभूति के ताबूत के पास खड़ी होकर पत्नी ने अपने दिल की बात कही थी. इस दौरान उनके प्यार को देख सब रो पड़े थे. नितिका ने जोश के साथ अपने पति को सैल्यूट किया था. फिर जय हिंद बोल अपने पति को आखिरी विदाई दी.

विभूति की शहादत के 10 महीने पहले ही हुई थी दोनों की शादी.
नितिका-विभूति की शादी की तस्वीर.


पुलवामा में शहीद हुए थे मेजर विभूति
आपको बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था. इस ऑपरेशन में मेजर विभूति अपनी टीम को लीड कर रहे थे. इस दौरान पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को मेजर विभूति की टीम ने मार गिराया, लेकिन मेजर विभूति आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.

नितिका बनीं सेना का हिस्सा.


मां से छुपाई गई थी शहादत की खबर
परिजनों के मुताबिक मेजर विभूति की मां हार्ट की मरीज थीं. इस वजह उन्हें 10 घंटे बाद विभूति की शहादत की खबर बताई गई थी. सोमवार 18 फरवरी 2019 की शाम उनका पार्थिव शरीर जब देहरादून स्थित उनके घर पहुंचाया गया था तो वहां मातम पसर गया था. आसपास के लोगों ने उनके घर पहुंचकर परिवार को संभालने की कोशिश की थी. पूरे परिवार के लिए उस सोमवार की रात बेहद डरावनी और दर्द भरी थी.

नितिका ने ज्वाइन की आर्मी.

बेटे का शरीर एक ताबूत में रखा हुआ था, लेकिन वो किसी से बात नहीं कर पा रहा था. मां का रो-रो कर बुरा हाल था और पत्नी को यह समझ नहीं आ रहा था कि मौत से 24 घंटे पहले जिस पति से बात हुई थी वो अब इस दुनिया में नहीं है. मेजर विभूति तो अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी बहादुरी के किस्से हमेशा देश याद रखेगा. सेना में लेफ्टिनेंट बनकर नितिका ने उन यादों को और गहरा कर दिया है.

Last Updated : May 29, 2021, 1:41 PM IST

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