देहरादून: 'तेरी मिट्टी में मिल जावां.... गुल बन के मैं खिल जावां... इतनी सी है दिल की आरजू'... गाने को आइटीबीपी (इंडो-तिबेटीयन बॉर्डर पुलिस) के जवान अर्जुन खेरियाल ने गाकर हिमवीरों को समर्पित किया है. ये गाना इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. आईटीबीपी के जवान अर्जुन खेरियाल ने इस देशभक्ति गाने को अपनी आवाज देकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली है. देश सेवा का भाव लोगों के दिलों में जगाने वाला गाना गाने वाले अर्जुन खेरियाल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
जवान अर्जुन खेरियाल से खास बातचीत, आइटीबीपी के जवान अर्जुन खेरियाल ने ईटीवी भारत को अपने पैशन के बारे में बताते हुए कहा कि बचपन से ही उन्हें गाने का शौक रहा है. स्कूल के दिनों के साथी हों या फिर उनके आइटीबीपी जवान के साथी, सभी को उनकी गायकी बेहद पसंद है. इस बार उन्होंने इस पैशन को 'तेरी मिट्टी' गीत को आवाज देकर पूरे देश के सामने पेश किया है.
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नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे अर्जुन खेरियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि वो इस गाने के बाद खुद के लिखे हुए गाने को गाएंगे. ये गाना केंद्रीत होगा उनकी बेटी मिष्टी पर. अर्जुन खेरिवाल ने अपने नए गाने 'मेरी लाडो' गाने को ईटीवी भारत के दर्शकों को सुनाया. इस गाने के लिरिक्स बेहद खूबसूरत हैं. अर्जुन ने अपने नए गाने के बारे में कहा कि यह गीत देश की रक्षा में बॉर्डर पर तैनात हर उस पिता की भावनाओं को दर्शाता है, जो देश रक्षा की खातिर अपने परिवार और अपने बच्चों से दूर है.
आइटीबीपी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी साझा किया है गाना
ITBP जवान द्वारा गाये गए इस गीत को आईटीबीपी ने यू-ट्यूब के साथ ही अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया है. जवान द्वारा भावुकता के साथ गाया गया गीत सभी लोगों के रोम-रोम में देशभक्ति और देश के लिए मर मिटने का जज्बा जगा रहा है. इस वीडियो को कई लाख व्यूज मिल चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोगों ने इस वीडियो को लाइक और री-ट्वीट किया है.
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अर्जुन रियलिटी शो में दिखा चुके हैं सिंगिंग का जलवा
आइटीबीपी के जवान अर्जुन खेरियाल साल 2016 में अपनी आवाज का जादू टीवी के जाने-माने सिंगिंग रियलिटी शो 'Sa Re Ga Ma Pa' में भी चला चुके हैं. इस दौरान उन्होंने टॉप 100 में अपनी जगह भी बनाई थी.
देहरादून में रहता है अर्जुन का परिवार
जवान अर्जुन का परिवार सालों से राजधानी देहरादून में ही रहता है. हालांकि ये मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. उनकी एक छोटी बेटी भी है, जिसपर वो 'मेरी लाडो' गीत लिख चुके हैं.
'ऐ मेरी जमीन अफसोस नहीं, जो तेरे लिए सौ दर्द सहे, महफूज रहे तेरी आन सदा, चाहे जान मेरी ये रहे न रहे... ए मेरी जमीं मेहबूब मेरी, मेरी नस नस में तेरा इश्क़ बहे, फिका न पड़े कभी रंग तेरा, जिस्म से निकल के खून कहे...' हिंदूस्तान में रहने वाले हर शख्स के लिए ये महज शब्द नहीं बल्कि भावनाएं हैं. ये गाना भारतीय सेना के जवानों के देश सेवा के भाव को बयां करता है जो वतन की रक्षा के लिए विपरित परिस्थितियों में सरहदों पर खड़े रहते हैं, ताकि देश की जनता चैन की नींद सो सके.