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उत्तराखंड के अस्पतालों की कार्यशैली सुधारेंगे प्रभारी सचिव, क्विक रेस्पॉन्स टीम भी बनेगी

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) में प्रभारी सचिव के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वाले डॉक्टर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपनी प्राथमिकताओं बताई. प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि एनएचएम का मुख्य उद्देश्य आम-जनमानस को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ देना है. इसी उद्देश्य से आगामी समय में रणनीति तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि विभाग की यही प्राथमिकता है कि जो भी स्वास्थ्य कर्मी जिस भी क्षेत्र में तैनात हैं, वह जनता के इलाज के लिए समय पर तत्परता से उपलब्ध रहे.

Incharge Health Secretary
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग

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Published : Jul 23, 2022, 12:13 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग (Uttarakhand Health Department) में प्रभारी सचिव के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वाले डॉक्टर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपनी प्राथमिकताओं को जाहिर कर दिया, एक तरफ उन्होंने सर्विलांस टीम को मजबूत करने की तरफ अपने प्रयासों की जानकारी दी तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के खराब हालातों को सुधारने के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदम पर भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी.

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव (Incharge Health Secretary) एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में एनएचएम सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि एनएचएम का मुख्य उद्देश्य आम-जनमानस को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ देना है. इसी उद्देश्य से आगामी समय में रणनीति तैयार की जाएगी.

उत्तराखंड के अस्पतालों की कार्यशैली सुधारेंगे प्रभारी सचिव

उन्होंने कहा कि विभाग की यही प्राथमिकता है कि जो भी स्वास्थ्य कर्मी जिस भी क्षेत्र में तैनात हैं, वह जनता के इलाज के लिए समय पर तत्परता से उपलब्ध रहे. अस्पतालों में औचक निरीक्षण को लेकर प्रभारी सचिव ने कहा, अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी जो कि अस्पतालों का औचक निरीक्षण नियमित तौर पर करती रहेगी, जिससे की अस्पतालों के अधिकारियों व कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा.
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इस कदम से आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं की सहूलियत मिल सकेगी और अस्पताल द्वारा मरीजों को गुणवत्ता पूर्वक उपचार मिल सकेगा. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस की जा रही है, जिस पर प्रभारी सचिव ने कार्रवाई की बात कही. प्रभारी सचिव ने बताया की डेंगू हर तीन वर्ष में ज्यादा सक्रिय होता है, इसलिए इस वर्ष डेंगू को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है. डेंगू नियंत्रण व रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशाएं कार्यरत हैं जो कि घर-घर जाकर लोगों को डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु जानकारी मुहैया करा रही है. डेंगू हॉट-स्पॉट की पहचान कर लोगों को डेंगू के दुष्प्रभाग व डेंगू के लार्वा के रोकथाम हेतु बताया जा रहा है. प्रभारी सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया कि एनएचएम द्वारा टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया जाएगा और हर-घर में मरीजों को घर पर ही दवाइयां मुहैया कराने की रणनीति तैयार की जा सकेगी जिससे आम-जनमानस तक बेसिक दवाइयां जिनका इलाज लंबे समय तक चलता है पहुंचाई जा सकें.
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कोविड के बढ़ते मामलों पर प्रभारी सचिव द्वारा बताया गया कि कोविड के नए वेरिएंट आ रहे हैं जो कि घातक हैं. हम जल्द ही शासन की कोविड के संबंध में एसओपी पुनः विभाग से जारी करेंगे. किंतु प्रभारी सचिव द्वारा बल दिया गया कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर मास्क पहनना, सैनिटाइजर का उपयोग करना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अति अवश्यक है. सैंपलिंग के साथ-साथ कोविड पॉजिटिव मरीजों की निगरानी को सक्षम बनाने पर कार्य किया जाएगा, ताकि कोविड के मामलों में कमी लायी जा सके. मौजूदा मानसून सीजन के चलते प्रदेश में आपदा का खतरा बना रहता है, जिसको लेकर प्रभारी सचिव ने बताया राज्य एवं जिला स्तर के कंट्रोल रूम में डॉक्टर की तैनाती की जाती है किंतु स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य विभाग से भी डॉक्टर की तैनाती हर स्तर पर की जाएगी.

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