देहरादून:बारिश को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान एक बार फिर सही साबित हुआ है. प्रदेश के पहाड़ी जिलों में रुक-रुककर बारिश हो रही है. ऐसे में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में सड़कें भी बंद हो चुकी हैं, जनजीवन प्रभावित हुआ है. पहाड़ों की रानी मसूरी समेत पहाड़ी जनपदों में अतिवृष्टि से जगह-जगह भूस्खलन शुरू हो गया है.
बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र के सुमगढ़ ऐठाण गांव में भारी बारिश से एक मकान जमींदोज हो गया, जिसके चलते मलबे में दबने के कारण मकान में मौजूद पति-पत्नी समेत बेटे की मौत हो गई है. वहीं, सूचना पर मौके पर पहुंची राजस्व पुलिस और एसडीआरएफ की टीम शवों को रेस्क्यू करने में जुटी है.
आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक अतिवृष्टि से ध्वस्त मकान में एक ही परिवार के तीन लोग जिंदा दफन हो गए हैं. मृतकों में गोविंद पंडा पुत्र प्रताप सिंह पंडा, उनकी धर्मपत्नी खष्टी पंडा और सात साल का बच्चा हिमाशु शामिल है. आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के मुताबिक घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ एवं आपदा राहत बचाव दल मौके पर पहुंच गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
पढ़ें- बागेश्वर: कपकोट में बारिश का कहर, मकान में गिरा मलबा, पति-पत्नी और बच्चे की मौत
बीते देर रात तेज बारिश से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बाधित हो गया. देवाल ब्लॉक के कोटीपार कोटेड़ा गांव में अतिवृष्टि से हुए भूस्खलन के कारण एक गौशाला मलबे में दब गया. गौशाला के अंदर कुछ मवेशियों के दबने की भी सूचना है. घाट क्षेत्र में भी काण्डई-खुनाणा मोटरमार्ग पर भी देर रात एक वाहन कर्तीगाड़ के पास मलबे में फंस गए. ऐसे में बदरीनाथ हाईवे पर पागल नाले के समीप मार्ग खोलने का कार्य जारी है.
बात करें मसूरी की, तो यहां कैमल बैक रोड के पास नंद रेजीडेंसी होटल के सामने एक पेड़ गिरने से एक इनोवा कार क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं, मार्ग बाधित हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं.
फायर सर्विस अधिकारी शंकर चंद रमोला के मुताबिक पेड़ गिरने की सूचना मिलते ही वह फायर सर्विस के जवानों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पेड़ को काटकर सड़क के किनारे किया. जिसके बाद मार्ग आवाजाही के लिए खुला. वहीं, मसूरी में देर रात से हो रही बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.