देहरादून:सियासत में सत्तासीनों के बीच यूं तो मुद्दों की लड़ाई हमेशा रही है, लेकिन इस बार विवाद सपनों का है. जी हां सपनों के प्रोजेक्ट पर इस बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आमने-सामने हैं.सीएम त्रिवेंद्र जिस सूर्यधार झील को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते रहे हैं, उसपर हरीश रावत ने खुद का कॉपीराइट होने का दावा किया है.
राजनीति में अब सपनों पर भी कॉपीराइट की लड़ाई सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा डोईवाला क्षेत्र में सूर्यधार प्रोजेक्ट में इन दिनों दिक्कतें आने की बात कही जा रही है. झील में पानी कम होने से लेकर आसपास के पहाड़ों में भूस्खलन होने की संभावना तक जताई जा रही है. लेकिन राजनीतिक रूप से विवाद इस प्रोजेक्ट का सपना पहले किसने देखा इसको लेकर शुरू हुआ है.
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त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही सूर्य धार परियोजना को अपना सपना बताकर इस प्रोजेक्ट को शुरू कर चुके हैं, तो वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस पर दांव खेलते हुए कहा है कि राजनीति में बड़ी अजीब सी स्थिति है. सपना कोई देखता है और उसे खुद का कोई और बताता है.
हरीश रावत ने कहा कि सूर्य धार प्रोजेक्ट एक अच्छा प्रोजेक्ट है. जिसे मुख्यमंत्री ने शुरू किया है, लेकिन उसका सपना उन्होंने देखा था. उसके लिए वे प्रयासरत भी थे. लेकिन इस सरकार में बड़ा सवाल यह है कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अब इस प्रोजेक्ट पर ही घोटाले के आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस बात का जवाब देना चाहिए कि पानी पर भी घोटाला क्यों हो रहा है?