हल्द्वानी/देहरादूनः उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती रैली जारी है, लेकिन इस भर्ती रैली को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के नाम से प्राइवेट आर्मी के लिए रिक्रूट तैयार किए जा रहे हैं. आखिर अग्निवीर योजना हमारी सेना का विकल्प कैसे हो सकता है? उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अग्निवीर भर्ती पर सवाल उठाए हैं, लेकिन असली बधाई की पात्र तब होंगे, जब खुद सतपाल महाराज कहेंगे कि अग्निपथ योजना बेकार है.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह अग्निपथ नहीं बल्कि बर्बादी का पथ है. अग्निपथ योजना उत्तराखंड की पहचान मिटाने का बड़ा षड़यंत्र है. अगले दस साल बाद कुमाऊं रेजीमेंट, गढ़वाल रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट हमारी बहादुरी के इतिहास के साथ जुड़ी हुई हैं. जो इतिहास की बातें हो जाएंगी. यह रेजीमेंट अग्निपथ में सभी समाहित हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि कुछ सालों के बाद सरकार अड़ानी से न कह दें इन अग्निवीरों को ख्याल रखना. जब जरुरत होगी तो अग्निवीरों को उनसे उधार ली जाएगी. वहीं, हरीश रावत ने सतपाल महाराज के अग्निवीर मामले में बयान पर कहा कि पहली बार उन्होंने सूझबूझ वाली बात कही है. इसमें भी सतपाल महाराज ने आधी सूझबूझ दिखाई है.
युवाओं ने लगाया था अनियमितता का आरोपःदरअसल, कोटद्वार सेना भर्ती में भाग लेने पहुंचे युवाओं ने अनियमितता का आरोप लगाया है. युवाओं का कहना है कि भर्ती मानक की ऊंचाई 163 सेंटीमीटर रखी गई थी, जबकि 165 सेंटीमीटर से ज्यादा हाईट वालों को ही भर्ती में ले रहे हैं. साथ ही एक बार में 300 अभ्यर्थियों को दौड़ाया जा रहा है. जिसमें से केवल 8 से 10 अभ्यर्थी को ही लिया जा रहा है. जबकि, कोरोनाकाल के बाद उत्तराखंड में सेना की भर्ती (Army recruitment in Uttarakhand) हो रही है. भर्ती में मानकों की अनदेखी की जा रही है.
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सतपाल महाराज अग्निवीर भर्ती में गड़बड़ी का लिया संज्ञानःबता दें कि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अग्निवीर भर्ती को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि युवाओं के भविष्य से जुड़ा विषय होने की वजह से इसकी जांच होना जरूरी है. कई विसंगतियों के कारण उत्तराखंड के बच्चे निराश होकर अपने घर वापस लौट रहे हैं. सतपाल महाराज ने कहा पहले ही पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं के लिए शरीर की ऊंचाई को लेकर रिलेक्सेशन दिया गया है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में उसे अमल में नहीं लाया जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर वार्ता करते हुए तीन बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.