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हरीश रावत लाचार! रामनगर सीट के लिए लगा रहे 'गुहार', कार्यकर्ताओं ने कहा NO

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने रामनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की गुहार लगाई है. दरअसल हरीश रावत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो पार्टी के रामनगर के किसी नेता-कार्यकर्ता से कह रहे हैं कि वो रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वो नेता-कार्यकर्ता भी बड़ा हठीला और रणजीत रावत का भक्त निकला. उसने सीधे हरीश रावत को रामनगर से चुनाव लड़ने को ना कह दिया.

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हरीश रावत

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Published : Jan 24, 2022, 1:17 PM IST

Updated : Jan 24, 2022, 3:49 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अभी कांग्रेस ने 17 सीटों पर नाम तय नहीं किए हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत और उनके करीबी सहयोगी रणजीत सिंह रावत के बीच रामनगर सीट को लेकर ठनी हुई है. कांग्रेस हरीश रावत को सेफ सीट माने जाने वाली रामनगर सीट से टिकट देना चाहती है. जबकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत सीट को छोड़ना नहीं चाहते हैं और रामनगर से ही दावेदारी कर रहे हैं. इन सबके बीच हरीश रावत का एक ऐसा ऑडियो वायरल हो गया है, जिसने हरदा और रणजीत रावत के बीच की लड़ाई को जगजाहिर कर दिया है.

दरअसल, हरीश रावत के इस वायरल ऑडियो में वो रामनगर के एक नेता-कार्यकर्ता से कह रहे हैं कि वो रामनगर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वो नेता-कार्यकर्ता भी बड़ा हठीला और रणजीत रावत का भक्त निकला. उसने सीधे हरीश रावत को रामनगर से चुनाव लड़ने को ना कह दिया. हालांकि, ईटीवी भारत इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

रामनगर सीट से चुनाव लड़ने की गुहार लगा रहे हरीश रावत

उत्तराखंड में रामनगर विधानसभा सीट को लेकर हरीश रावत और रणजीत रावत के बीच सीधी जंग चल रही है. बताया जा रहा है कि हरीश रावत रामनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन रणजीत रावत पिछले 5 साल से इस सीट पर तैयारी कर रहे हैं. लिहाजा वह इस बार भी सीट पर ही मैदान में उतरना चाहते हैं.

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बड़ी बात यह है कि इस बीच हरीश रावत का एक ऐसा ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह रामनगर विधानसभा सीट के पार्टी नेता-कार्यकर्ता से रामनगर सीट से लड़ने पर उनकी राय पूछ रहे हैं. लेकिन पार्टी नेता का कहना है कि वो रणजीत रावत के ही साथ हैं. यही नहीं, ऑडियो में रामनगर का यह नेता हरीश रावत को रणजीत रावत के समर्थन में प्रचार करने की भी गुजारिश करता हुआ नजर आ रहा है.

वायरल ऑडियो पर बग्गा का प्रहारः उधर, भारतीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने हरीश रावत के वायरल ऑडियो पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि उत्तराखंड में कांग्रेस केवल हार ही नहीं रही है, हरीश रावत जी का खुद का भी बुरा हाल है. हरीश रावत जी कौन सी सीट से लड़े वो भी तय नहीं कर पा रहे.

वीआईपी और हॉट सीट है रामनगर: पूरे प्रदेश में रामनगर सीट का अपना इतिहास और महत्व है. रामनगर उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट है. 22 साल के इतिहास में ये माना जाता है कि जिस पार्टी का विधायक रामनगर सीट से जीता सरकार उसी पार्टी की बनती है. इतना ही नहीं उत्तराखंड की पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी ने उपचुनाव में रामनगर सीट से ही चुनाव जीता था, जो​ कि 5 साल तक एकमात्र मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे.

2002 में कांग्रेस के योगेम्बर सिंह रावत विधायक बने तो कांग्रेस की सरकार बनी. 2007 में भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार भाजपा की बनी. 2012 में रामनगर से कांग्रेस के टिकट पर अमृता रावत चुनाव जीती और सरकार कांग्रेस की बनी. 2017 में एक बार फिर से दीवान सिंह बिष्ट चुनाव जीते और सरकार भाजपा की बन गई. इस वजह से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

हरीश रावत का राजनीतिक सफरनामा: हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वह 2014-2017 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हरीश रावत 2009 से 2011 तक केंद्र की यूपीए सरकार में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रहे. 2011 से 2012 तक वह कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री रहे. 2012 में उन्हें प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया और जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई. जनवरी 2014 तक वह इस पद पर रहे.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के एक छोटे से गांव मोहनरी से राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट तक हरीश रावत की यह यात्रा पहाड़ों के जीवन की ही तरह काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है. हरीश रावत ने कई राज्यों में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है. निश्चित तौर पर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए वह कांग्रेस की तरफ से राज्य के सबसे बड़े नेता हैं. एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उनसे पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं.

हरीश रावत राजनीति के बड़े खिलाड़ी:1947 में अल्मोड़ा में एक छोटे से गांव मोहनरी में जन्में हरीश रावत ने बहुत कम उम्र में ही राजनीति की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया था और लगातार वो इसमें तरक्की भी करते रहे. मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और केन्द्र में मंत्री रहे हरीश रावत का राजनीतिक जीवन बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है. जीत और हार से उनका नाता चोली दामन का रहा है. 1980 में पहली बार अल्मोड़ा से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए. यहां से वे तीन बार लगातार 1980, 1984, 1989 में जीते लेकिन, फिर चार बार लगातार 1991, 1996, 1998, 1999 में हारे भी.

हार के बाद करियर पर उठे सवाल:लगातार चार हार मिलने के बाद वह दस सालों तक चुनाव से दूर रहे. लग रहा था कि हरीश रावत का सितारा बुझ गया है, लेकिन दस सालों के बाद फिर 2009 में हरिद्वार से चुनाव लड़े और जीत गए. इस बार तो मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी बने. 2014 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत भारी मतों से धारचूला विधानसभा उपचुनाव जीते थे. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत को दो जगह से हार का मुंह देखना पड़ा था. हरिद्वार ग्रामीण से उन्हें बीजेपी के यतिश्वरानंद ने हराया तो वहीं किच्छा से उन्हें बीजेपी के ही राजेश शुक्ला ने हराया था. इस हार के बाद उनके राजनीति करियर पर भी सवाल उठने लगे थे.

Last Updated : Jan 24, 2022, 3:49 PM IST

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