देहरादून: चंपावत उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोंनों ही दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है. भाजपा की ओर से चंपावत उपचुनाव में हर दिन स्टार प्रचारक चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. वहीं, धामी सरकार के मंत्री भी चंपावत उपचुनाव की इस जंग में मैदान में डेरा डाले हुए हैं. सीएम धामी भी लगातार अपने राजनीतिक भविष्य वाले इस चुनाव को लेकर काफी एक्टिव दिखाई दे रहे हैं. वे धूप, बारिश हर मौसम में संवाद करने जनता के बीच पहुंच रहे हैं. वहीं, बात अगर कांग्रेस की करें तो निर्मला गहतोड़ी के चुनाव प्रचार की कमान खुद हरीश रावत ने संभाली है. हरीश रावत अपने ही अंदाज में जनता से निर्मला गहतोड़ी से पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं. कुल मिलाकर चंपावत में इन दिनों उपचुनाव के अलग-अलग राजनीतिक रंग देखने को मिल रहे हैं.
अपने पुराने तरीके से प्रचार में जुटे हरीश रावत: चंपावत उपचुनाव में अब महज 2 दिनों का वक्त बचा है. ऐसे में कांग्रेस की तरफ से हरीश रावत ने चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला है. हरीश रावत अपने चिर परिचित अंदाज में चंपावत की गलियों में घूम रहे हैं. वे कभी गाड़ी रुकवा कर जनता से मिल रहे हैं तो कभी पहाड़ी फलों के माध्यम से लोगों से कनेक्ट होने की कोशिश कर रहे हैं. बीते दिनों हरीश रावत जब हल्द्वानी से चंपावत के लिए रवाना हो रहे थे तो उन्होंने हाईवे पर गड्ढा देख वहीं पर धरना देना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने धामी सरकार पर जमकर हमला बोला. हरदा की इस गड्ढा पॉलिटिक्स का साफ मतलब था कि उनका यह धरना न केवल हल्द्वानी बल्कि चंपावत में वोटरों का ध्यान खिचने के लिए भी था. इस दौरान हरीश रावत ने कहा राज्य सरकार विकास पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. राज्य में सड़क से लेकर रोजगार के बुरे हाल हैं.
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हरीश रावत का पहाड़ी अंदाज:इतना ही नहीं चंपावत में बारिश के बीच भले ही कांग्रेस के नेता न निकल रहे हो लेकिन हरीश रावत अकेले ही चंपावत की सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. 2 दिन पहले जब पूरे राज्य में तेज बारिश हो रही थी तो चंपावत की सड़कों पर घूम रहे हरीश रावत ने अचानक देखा कि कुछ लोग गाड़ी में बैठे हुए हैं. जिसके बाद वे अपनी गाड़ी रुकवा कर अपने ही अंदाज में उनसे मिले. हरीश रावत का अंदाज लोगों को खूब पसंद आया. हरीश रावत ने अपनी प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के लिए इसी तरह वोट भी मांगे. इतना ही नहीं प्रदीप टम्टा, यशपाल आर्य और दूसरे कांग्रेस नेता जब चुनाव में प्रचार के लिए निकल रहे थे तब भी हरदा ने महफिल लूटी. हरीश रावत इन सभी नेताओं के साथ काफल का आंनद लेते दिखाई दिये.
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भगवान के दर पर हरदा: चंपावत उपचुनाव को लेकर हरीश रावत मंदिरों में भी मत्था टेक रहे हैं. आज भी चंपावत के चुनाव में वह लगातार मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं. साथ ही वे वहां मौजूद भक्तों से कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने की अपील भी कर रहे हैं. हरीश रावत तमाम चुनावों में कभी चाय की ठेलियों पर खड़े होकर तो कभी कढ़ी चावल की दुकान पर जाकर खाना खाते देखे गये हैं. हरीश रावत का ये ही अंदाज लोगों को भा रहा है. हरदा के इसी अंदाज के कारण लोग उनसे कनेक्ट करते हैं. हरीश रावत भी शायद जनता की नब्ज को समझते हैं. इसका ही कारण है कि वे हमेशा ही कुछ नया करते हुए लोगों के बीच पहुंचते हैं, उनकी आवाज बनने की कोशिश करते हैं. इतना ही नहीं वे सत्ता पक्ष और उसके संगठन के लिए भी इसी अंदाज में परेशानी खड़ी करते हैं.
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