देहरादूनः उत्तराखंड में कीवी उत्पादन को लेकर अपार संभावनाएं हैं. जिसे देखते हुए अब कीवी उत्पादन पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के मामले में आगे हैं. जबकि, उत्तराखंड तीसरे नंबर पर आता है. ऐसे में अब कीवी उत्पादन के जरिए कंपटीशन देने की तैयारी की जा रही है. लिहाजा, कीवी उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए सरकार कवायद में जुट गई है. बकायदा इसके लिए किसानों को सब्सिडी से लेकर पौधे समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है.
विशेषज्ञों की मानें तो उत्तराखंड राज्य की आबोहवा और प्राकृतिक माहौल कीवी उत्पादन के लिए बिल्कुल अनुकूल है. जबकि, सेब उत्पादन में पहले ही दो राज्य अग्रणी हैं. उद्यान विभाग के निदेशक एसएस बवेजा की मानें तो सेब उत्पादन में जम्मू कश्मीर और हिमाचल की बराबरी उत्तराखंड नहीं कर सकता है या फिर उसके लिए लंबा इंतजार और मेहनत करनी होगी, क्योंकि इन प्रदेशों में पहले से ही व्यवस्थाएं बनी हुई है और माहौल भी बना हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ कीवी फल उत्पादन का सेक्टर बिल्कुल नया है. ऐसे में कीवी उत्पादन मामले में जम्मू कश्मीर और हिमाचल भी बिल्कुल उत्तराखंड की तरह नए हैं.
कीवी से हिमाचल और जम्मू कश्मीर को दे सकते हैं टक्करःउत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक हरविंदर सिंह बवेजा बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर सेब उत्पादन के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन कीवी अभी भी 85 फीसदी बाहर से इंपोर्ट हो रही है यानी इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि कीवी का देश में कितना बड़ा पोटेंशियल है. उनका कहना है कि सेब के क्षेत्र में चाहे हम कितनी भी मेहनत कर लें, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ पाएंगे, लेकिन कीवी ही एक ऐसा सेक्टर है, जहां पर हम बेहतर काम कर सकते हैं और खुद को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं.
उद्यान विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उत्तराखंड में कीवी का अच्छा उत्पादन हो सकता है. बस इसके लिए हमें गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करनी होगी. उद्यान निदेशक एचएस बवेजा बताते हैं कि यदि हम कीवी के इंटरनेशनल स्टैंडर्ड को अगर छू लेते हैं तो निश्चित तौर से यह उत्तराखंड की एक बड़ी उपलब्धि होगी. उन्होंने कहा कि इसे छूने के लिए बस हमें इस बात का ध्यान रखना है कि अपने एक कीवी के साइज और वजन को 100 ग्राम तक लेकर जाएं.
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₹150 रुपए में बिक रहा बागेश्वर का एक कीवीःउत्तराखंड में कीवी उत्पादन की इस अपार संभावनाओं का एक संकेत अभी से मिलने लगा है. बागेश्वर जिले में उत्पादित कीवी का आज उपभोक्ताओं में काफी डिमांड देखने को मिल रहा है. उद्यान विभाग के निदेशक एचएस बवेजा बताते हैं कि बागेश्वर ने कीवी उत्पादन में नया इतिहास रचा है. यहां का कीवी लखनऊ के व्यापारी 150 रुपए में खरीदने के लिए किसानों के खेत पर ही आए थे.
उद्यान विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कीवी उत्पादन करने वाले किसानों को उसके बाजार की चिंता फिलहाल करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोविड 19 के बाद कीवी फल की विशेषता को अब लोगों में बताने की जरूरत नहीं है. वहीं, इसके अलावा जानकारों का यह भी कहना है कि कीवी फल का अच्छा दाम मिले, इसके लिए काश्तकारों और किसानों को उसके साइज को भी ध्यान रखना होगा.