उत्तरकाशी जिपं अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की मुश्किलें बढ़ीं देहरादून:उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष (Uttarkashi district panchayat president) दीपक बिजल्वाण (Deepak Bijlwa) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, क्योंकि शासन ने दीपक बिजल्वाण पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी है. दीपक बिजल्वाण पर उत्तरकाशी में जिला पंचायत अध्यक्ष रहते वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है, जिसके लिए एसआईटी भी गठित की जा चुकी है.
उत्तरकाशी में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के मामले में शासन ने एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी है. शासन में विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखते हुए मामले पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना किए जाने के लिए कहा है.
पढ़ें-उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मुखर हुए सदस्य, CM से मिलकर इस्तीफे की दी धमकी
बता दें कि इसी मामले में इससे पहले जिलाधिकारी और फिर गढ़वाल कमिश्नर की तरफ से भी जांच की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद अब इस मामले में विस्तृत जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था, जिस पर प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर अब एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी गई है.
खास बात यह है कि उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजवान के खिलाफ हाल ही में बीजेपी कार्यालय में भाजपा से जुड़े पंचायत सदस्यों ने भी विरोध करते हुए मामले की जांच करने की मांग की थी और इस मामले में त्वरित कार्रवाई की भी मांग सरकार से की थी. जिसके बाद अब इस मामले में शासन में अपनी अनुमति दे दी है.
पढ़ें-उत्तरकाशी जिपं अध्यक्ष बिजल्वाण के बचाव में उतरे गोदियाल, बोले- BJP में जाने वाले पाक साफ, कांग्रेस वालों पर जांच
बता दें कि बीते दो सालों से जिला पंचायत उत्तरकाशी के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर उंगली उठ रही थी. इस संबंध में शिकायतें शासन तक भी पहुंचीं. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर आरोप है कि बिना कार्य कराए ही कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों को भुगतान कर दिया. टेंडर आवंटन में भी पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा गया.
शिकायत पर शासन ने पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त से जांच कराई. जांच में प्रथमदृष्ट्या आरोप सही पाए गए. उत्तरकाशी जिला पंचायत के तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता संजय कुमार और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को जिम्मेदार ठहराया गया था.
इसके बाद शासन ने बिजल्वाण को अक्टूबर 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया था, उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया था. जनवरी 2022 में शासन ने डीआईजी पी रेणुका देवी और एसपी उत्तरकाशी को शामिल करते हुए एसआईटी का गठन किया था.