देहरादून: उत्तराखंड में सरकार ने उच्च शिक्षा और छोटे उद्योगों से जुड़े लोगों को तोहफा दिया है. एक तरफ उत्तराखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम वर्ग के उद्योगों की निवेश सीमा में बदलाव किया गया है, तो वहीं श्रीनगर के सुमाड़ी NIT के स्थाई कैंपस के लिए 909.85 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं
पहले बात सूक्ष्म, लघु और मध्यम वर्ग के उद्योगों के लिए खुशखबरी की... अब संयंत्र व मशीनरी में 1 करोड़ रुपए तक निवेश और 5 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में आएंगे. इसी प्रकार 10 करोड़ रुपए तक निवेश और 50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, लघु उद्यम की श्रेणी में आएंगे. जबकि 50 करोड़ रुपए तक निवेश और 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, मध्यम उद्यम की श्रेणी में आएंगे.
पढ़ें-कोरोनिल पर घमासानः बीजेपी बोली-रामदेव कर रहे अच्छा काम, कांग्रेस ने कहा- दर्ज हो मुकदमा
गौरतलब है कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अनेक प्रावधान किए गए हैं. जिससे भारतीय उद्योग जगत अपना विस्तार कर सके और आवश्यक सुविधाएं प्राप्त कर सके. इसके लिए एमएसएमई सेक्टर का नया वर्गीकरण किया गया. इसमें निवेश की सीमा को बढ़ाया गया है और टर्नओवर को भी इसके मानक के रूप में लिया गया है.
इसके अलावा दूसरी बड़ी खबर यह है कि... सुमाड़ी एनआईटी के स्थाई कैंपस के लिए 909.85 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव और संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का भी आभार व्यक्त किया है.
इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार अपने व्यय से बिजली, पानी की व्यवस्था करेगी और सड़क का निर्माण भी करवाएगी. एनआईटी के स्थाई कैंपस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र वासियों की आर्थिकी भी मजबूत होगी. सीएम ने कहा कि संस्थान के लिए धनराशि की मंजूरी से राज्य की बढ़ी मांग भी पूरी हो गई है. कुल 909.85 करोड़ रुपए का बजट है. वैसे 78.81 करोड़ रुपए वर्तमान अस्थाई कैंपस के सुदृढ़ीकरण के लिए लगाये जाएंगे.