देहरादून: कोरोना काल में मंदी से जूझ रहे गढ़वाल मंडल विकास निगम में बचे हुए खनन लॉटों को लेकर निविदाएं खुलनी शुरू हो गई हैं. 3 जिलों के लिए हो रही इन निविदाओं के जरिए जीएमवीएन ने 60 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है. वहीं, इस मौके पर कई खनन व्यापारियों ने मौका ना मिलने से निराश भी व्यक्त की है.
GMVN ने शुरू की ई-टेंडर खोलने की प्रक्रिया देहरादून जीएमवीएन मुख्यालय पर चल रही 36 लॉटो में खनन प्रक्रिया के लिए ई-निविदाएं शुरू हो गई हैं. देहरादून जिले की 8 लॉटों के लिए निविदाएं निकल चुकी हैं. वहीं, देहरादून जिले की बची हुई 15 लॉट, टिहरी जिले की 10 लॉट और हरिद्वार की 3 लॉट के लिए आगामी 2 से 3 दिनों में ई-टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
जीएमवीएन प्रबंध निदेशक ईवा श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि बची हुई 36 लॉटों के लिए निविदाएं डाली गई हैं. जिन्हें खोलना शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन 36 लॉटों के लिए सरकार द्वारा तकरीबन 60 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यह खनन की निविदाएं खनन नीति को ध्यान में रखते हुए आगामी 5 सालों के लिए आवंटित की जाएंगी.
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वहीं, निविदाएं डालने पहुंचे कुछ खनन व्यापारियों ने निविदा वाली ई-वेबसाइट पर तकनीकी खामियां होने का आरोप लगाया. खनन व्यापारियों का आरोप है कि ई-निविदा वाली वेबसाइट पर कुछ तकनीकी खामियां थीं. कुछ टेंडर में अपलोड करने का समय विज्ञापन में 3:00 बजे तक का था, जिस पर खनन व्यापारियों ने टेंडर अपलोड करने के समय को बढ़ाने की मांग की.
खनन व्यापारियों के सवालों पर जीएमवीएन की एमडी ईवा श्रीवास्तव ने कहा कि टेंडर अपलोड करने के लिए तकरीबन 1 माह का समय दिया गया था. इसके बाद री-टेंडर भी कॉल किया गया था, लेकिन अब आखिरी समय में जब टेंडर खुलने जा रहा है तब इस तरह की शिकायत करना तर्क संगत नहीं है. टेंडर प्रक्रिया को स्थगित करना संभव नहीं है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि अभी केवल 50 फीसदी ही टेंडर फाइनल हो पाएंगे. बाकी बचे टेंडरों में सभी को मौका मिल सकता है. बशर्ते टेंडर डालने वाले समय से सभी औपचारिकता पूरी कर ले.