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हरिद्वार मेडिकल कॉलेज समेत चार अस्पताल पीपीपी मोड पर होंगे संचालित, जल्द शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया - Haridwar Medical College on PPP mode

Four hospitals operate on PPP mode इन्वेस्टर्स समिट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल 18 हज़ार करोड़ रुपए निवेश को लेकर एमओयू साइन हुए. जिसमें राज्य सरकार ने हरिद्वार के एमसीएच सेंटर, हर्रावाला कैंसर हॉस्पिटल, हल्द्वानी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ ही हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड के तहत प्रोजेक्ट किया. जिसके बाद अब जल्द ही इन अस्पतालों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा.

Four hospitals operate on PPP mode
हरिद्वार मेडिकल कॉलेज समेत चार अस्पताल पीपीपी मोड पर होंगे संचालित

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2023, 4:41 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 4:52 PM IST

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज समेत चार अस्पताल पीपीपी मोड पर होंगे संचालित

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. वर्तमान समय में भी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी तमाम कमियां समय-समय पर उजागर होती रही हैं. ऐसे में हाल ही में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब उत्तराखंड सरकार प्रदेश में चल रहे तमाम अस्पतालों को पीपीपी मोड पर संचालित करने जा रहा है. बाकायदा कुछ शर्तों के साथ अस्पतालों को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा.

राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार समय समय पर बड़े कदम उठाती रही है. जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा सके. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर्स की भर्ती के साथ ही नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती पर जोर दे रहा है. जिससे मरीजों को डॉक्टरों की कमी से दो चार न होना पड़े. इसी क्रम में अब सरकार ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज समेत हर्रावाला स्तिथ सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, हल्द्वानी स्थित मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल और हरिद्वार के एमसीएच सेंटर को पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया है.

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वर्तमान समय में प्रदेश के तमाम राजकीय चिकित्सालय, उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना में तहत पीपीपी मोड पर संचालित किए जा रहे हैं. सरकार का तर्क है कि पीपीपी पर अस्पतालों को संचालित करने पर कम सरकारी खर्चे पर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. दरअसल, पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों में मरीजों का आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त में इलाज किया जाता है. इसके बाद विभाग की ओर से अस्पतालों का संचालन करने को पैसा दिया जाता है.

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एक बड़ा सवाल यह भी है कि जब प्रदेश में पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों से लापरवाही के तमाम मामले सामने आते रहे हैं बावजूद इसके पीपीपी मोड पर अस्पतालों को क्यों दिया जा रहा है? दरअसल, पिछले साल पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों से तमाम शिकायत आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने इस बाबत निर्देश दिए थे कि अनुबंधित अस्पतालों की निगरानी सीएमएस के अलावा सीएमओ भी करेंगे. जिससे अनुबंधित अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं होने के साथ ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें.

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स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल 18 हज़ार करोड़ रुपए निवेश को लेकर एमओयू साइन हुए हैं. ऐसे में सरकार कुछ मुख्य प्रोजेक्ट्स को निवेशकों के सामने रखा था. जिसके तहत, हरिद्वार में 200 बेड का एमसीएच सेंटर, हर्रावाला में 300 बेडेड कैंसर हॉस्पिटल, हल्द्वानी का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ ही हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड के तहत प्रोजेक्ट किया गया है. हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को छोड़कर बाकी तीन अस्पतालों को प्लानिंग डिपार्टमेंट से मंजूरी मिल गई है. जिसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

Last Updated : Dec 15, 2023, 4:52 PM IST

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