देहरादून: कोरोना संकट काल में जहां सरकारें लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग अपने बयानों से फजीहत कराने पर तुले हुए हैं. देहरादून में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेतुका बयान देकर अपनी फजीहत करा दी है.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि-
कोरोना वायरस भी हमारी तरह प्राणी है. जैसे हम जीना चाहते हैं, वैसे ही यह वायरस भी जीना चाहता है और हम हैं कि इस वायरस के पीछे पड़े हुए हैं. इसलिए यह वायरस अपना रूप बदल रहा है. ऐसे में इस वायरस को भी जीने का पूरा अधिकार है.
गाय पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का बेतुका बयान
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि लोगों से बचने के लिए कोरोना वायरस बहरूपिया हो गया है. ऐसे में हमें अपनी चाल तेज करते हुए रफ्तार बढ़ानी चाहिए. ताकि कोरोना वायरस को पीछे छोड़ जा सके. त्रिवेंद्र आगे कहते हैं 'गाय का गोबर और गोमूत्र भी हमारे लिए बेहद फायदेमंद हैं. किडनी और हृदय के लिए ये दोनों बेहद उपयोगी है. कोई टीबी का मरीज अगर गाय के आसपास रहे तो वह भी ठीक हो सकता है. अब वैज्ञानिक भी इन सच्चाई के बारे में बता रहे हैं'.
इससे पहले भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय को लेकर अजीबो-गरीब बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि 'गाय एक मात्र जीव है जो ऑक्सीजन ग्रहण करती है और ऑक्सीजन छोड़ती है. आगे उन्होंने कहा कि गाय को थोड़ी देर रोजाना सहलाने से सांस की बीमारियां ठीक हो जाती हैं. यही कारण है कि लोग गाय को गौमाता कहते हैं.
पढ़ें:उत्तराखंड के मंत्रियों के निशाने पर क्यों हैं पूर्व CM त्रिवेंद्र, जानिए अंदर की कहानी
सीएम तीरथ का बेतुका बयान
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ के समय पर कहा था कि मां गंगा की अविरल धारा है, मां गंगा का आशीर्वाद लेकर जाएंगे तो कोरोना नहीं फैलेगा. 21 मार्च को रामनगर में विश्व वानिकी दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दो ऐसे बयान देकर विवाद खड़े कर दिए जो सुर्खियां में छाए रहे. मुख्यमंत्री ने कहा जिस परिवार में ज्यादा लोग थे, उनको ज्यादा चावल मिला. गलती उनकी है जिन्होंने बच्चे कम पैदा किए. जब समय था तो 20 बच्चे क्यों नहीं पैदा किए?