देहरादून:लोक निर्माण विभाग का चीफ एजाज अहमद को बनाए जाने से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. मामले में कृष्ण मोहन की तरफ से डालनवाला थाना में पीडब्ल्यूडी चीफ एजाज अहमद और सतपाल महाराज के तत्कालीन निजी सचिव (cabinet minister satpal maharaj) आईपी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने इस पूरे मामले में चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि बहुत दिनों से मैं, सार्वजनिक निर्माण विभाग के एचओडी के प्रकरण को बहुत गहराई से समझने का प्रयास कर रहा हूं.
हरीश रावत ने आगे लिखा कि आज हमारी सड़कें अत्यधिक खराब स्थिति में हैं. कारण कई हैं मगर एक कारण विभाग के मुखिया को लेकर चल रहा एक अजीबो-गरीब प्रसंग भी है. विभागीय मंत्री जी का कहना है कि मेरे निजी सचिव ने जब मैं विश्राम कर रहा था अपने कार्यालय में मेरे फर्जिया हस्ताक्षर करा दिये. अब यह भी पता चला है एचओडी के नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन मुख्यमंत्री जी द्वारा करवाया ही नहीं गया, प्रमुख सचिव स्तर से ही आदेश जारी हो गए. डिजिटल हस्ताक्षर के फर्जीवाड़े का मुकदमा दायर हो रहा है, वह भी 8-10 महीने के बाद! तो अब अपनी सड़कों के लिए रोने की बजाय हमको तो इस सरकार में जो गड्ढे बने हुए हैं, उन गड्ढों के लिए रोना पड़ेगा. आखिर इतने शीर्ष स्तर पर फर्जीवाड़े का दोषी कौन है? दोषी जो भी हो, सजा तो पिछले साल भर से गड्ढा युक्त सड़कों के साथ सारा उत्तराखंड भुगत रहा है.
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