देहरादूनः उत्तराखंड में अब वन महकमा हर साल वन्यजीवों की गणना करेगा. जिससे बाघ और हाथियों के प्रत्येक साल आंकड़े सार्वजनिक हो सकेंगे. वहीं, दूसरे वन्यजीवों की भी आधिकारिक संख्या की जानकारी साफ हो सकेगी. खासकर गुलदारों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी.
वन्यजीवों की गणना के लिए विभाग ने बनाया नया प्लान इस संबंध में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड जयराज सिंह का कहना है कि प्रदेश स्तर पर वन्यजीव गणना में निरंतरता बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत प्रदेश में प्रत्येक साल वन्यजीवों की गणना किए जाने का प्लान भी तैयार किया जा रहा है. वहीं, वन विभाग मुख्य रूप से गुलदार, भालू, मोनाल, लंगूर, जंगली, सूअर और भरल की गणना करता है.
उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या- साल 2003- 2092
- साल 2005- 2105
- साल 2008- 2335
- साल 2019- 2500 से ज्यादा गुलदार
प्रदेश में बाघों की संख्या (राष्ट्रीय स्तर पर हुई गणना के आधार पर)
- साल 2018- 442
- साल 2014- 340
- साल 2010- 227
- साल 2006- 179
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से वन्यजीवों की गणना की जाती है. लेकिन राज्य स्तर पर कई सालों से वन्यजीवों की गणना नहीं हो पाई है. जिससे यह पता नही लग पाता कि प्रदेश के किस इलाकें में कितने वन्यजीव हैं. वहीं, प्रदेश में बढ़ते वन्यजीवों के हमलों को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अब हर साल वन्यजीवों की गणना की जाए. इससे मानव और वन्यजीवों के बीच की संघर्ष की घटनाओं में भी कमी आएगी.