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अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, सूबे में जल्द लागू होगा फीस एक्ट

प्रदेश में फीस एक्ट को लेकर लगातार बनी हुई असमंजस की स्थिति को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है और यहां पर पहाड़ से लेकर मैदान में लोगों को आपदा की परिस्थितियों से जूझना पड़ता है. ऐसे में हर जिले की अपनी एक अलग परिस्थिति है, जिसे ध्यान में रखते हुए फीस एक्ट का निर्धारण किया जाएगा.

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Published : Jul 18, 2019, 4:50 PM IST

फीस एक्ट पर जिलाधिकारियों की सलाह लेगा शिक्षा महकमा

देहरादून: प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग ने अपने कमर कस ली है. जल्द ही शिक्षा विभाग प्रदेश में फीस एक्ट लाने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में इस एक्ट के लिए प्रत्येक जिले के जिलाधिकारियों से सुझाव मांगें गए हैं. ताकि एक बेहतर एक्ट तैयार किया जा सके, इस एक्ट के आने के बाद अभिभावकों को भी आएदिन होने वाली फीस बढ़ोतरी से भी राहत मिलेगी.

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बता दें कि प्रदेश में फीस एक्ट को लेकर लगातार बनी हुई असमंजस की स्थिति को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है और यहां पर पहाड़ से लेकर मैदान में लोगों को आपदा की परिस्थितियों से जूझना पड़ता है. ऐसे में हर जिले की अपनी एक अलग परिस्थिति है, जिसे ध्यान में रखते हुए फीस एक्ट का निर्धारण किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि हर जिले में जिलाधिकारी को जिला स्तरीय कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, शिक्षा विभाग से एक सीईओ, एक प्राइवेट सीए, लोकनिर्माण विभाग, अभिभावक संघ और प्राइवेट स्कूल से एक-एक व्यक्ति जिले की कमेटी में रखा गया है. इसी प्रकार राज्य स्तर पर भी फीस एक्ट के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का फीस एक्ट बिना किसी पक्षपात का होगा और सभी के लिए हितकारी होगा.

प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग ने अपने कमर कस ली है. जल्द ही शिक्षा विभाग प्रदेश में फीस एक्ट लाने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में इस एक्ट के लिए प्रत्येक जिले के जिलाधिकारियों से सुझाव मांगें गए हैं. ताकि एक बेहतर एक्ट तैयार किया जा सके, इस एक्ट के आने के बाद अभिभावकों को भी आएदिन होने वाली फीस बढ़ोतरी से भी राहत मिलेगी.

बता दें कि प्रदेश में फीस एक्ट को लेकर लगातार बनी हुई असमंजस की स्थिति को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है और यहां पर पहाड़ से लेकर मैदान में लोगों को आपदा की परिस्थितियों से जूझना पड़ता है. ऐसे में हर जिले की अपनी एक अलग परिस्थिति है, जिसे ध्यान में रखते हुए फीस एक्ट का निर्धारण किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि हर जिले में जिलाधिकारी को जिला स्तरीय कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, शिक्षा विभाग से एक सीईओ, एक प्राइवेट सीए, लोकनिर्माण विभाग, अभिभावक संघ और प्राइवेट स्कूल से एक-एक व्यक्ति जिले की कमेटी में रखा गया है. इसी प्रकार राज्य स्तर पर भी फीस एक्ट के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का फीस एक्ट बिना किसी पक्षपात का होगा और सभी के लिए हितकारी होगा.

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