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कुमाऊं में भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद, गढ़वाल में है कम असर - कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तारी

कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. वहीं, इस बंद का कुमाऊं में जहां मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है वहीं, गढ़वाल में भारत बंद का खास असर देखने को नहीं मिल रहा.

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भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद

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Published : Dec 8, 2020, 11:37 AM IST

Updated : Dec 8, 2020, 12:27 PM IST

देहरादून: किसान कानूनों को लेकर उत्तराखंड में कहीं-कहीं भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है. राजधानी देहरादून और हरिद्वार में बड़ा असर नहीं हैं. उधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ में बंद का असर दिख रहा है. यहां बाजारों, दुकानों और पेट्रोल पम्पों को बंद रखा गया है.

भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद

हरिद्वार

हरिद्वार महानगर कांग्रेस जटवाड़ा पुल पर विरोध प्रदर्शन करेगी. किसान कानूनों के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे.

कोटद्वार

भारत बंद का असर कोटद्वार में भी देखने को मिल रहा है, लेकिन अब यहां धीरे-धीरे दुकानें खुलने लगी हैं.

उधम सिंह नगर

उधम सिंह नगर में भारत बंद का असर है. सुबह से ही बाजार पूरी तरह बंद हैं. विरोध को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है. भारत बंद का मिलाजुला असर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में भी देखने को मिल रहा है. यहां व्यापार मंडल द्वारा किसानों को समर्थन देते हुए अपनी दुकानें बंद रखी गई हैं. रुद्रपुर के बाजार सहित तमाम ट्रांसपोर्ट व्यवस्थाएं बंद हैं. व्यापारियों के आह्वान पर शहर के तमाम पेट्रोल पंप भी बंद हैं.

किसानों के विरोध कार्यक्रम को देखते हुए मुख्यालय की सड़कों पर पुलिस बल भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. एसपी सिटी व एसपी क्राइम शहर के चौराहों का निरीक्षण कर रहे हैं. हालांकि, उत्तराखंड-यूपी बॉर्डर पर बंद का असर नहीं दिखाई दिया है. बॉर्डर पर लोगों की आवाजाही हो रही है.

वहीं, किसानों के समर्थन में व्यापारी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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खटीमा

सीमांत क्षेत्र खटीमा में आज किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को सफल बनाने के लिए खटीमा में सुबह से ही किसानों द्वारा जुलूस निकाला गया और व्यापारियों से बाजार को बंद रखने की अपील की गई. किसानों के साथ कांग्रेसी नेता भी जुलूस में शामिल रहे. किसानों की अपील का असर भी होता दिखाई दे रहा है. सवेरे खटीमा का बाजार बंद रहा. बाजार बंदी के दौरान किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस फोर्स भी बाजार में जगह-जगह पर तैनात है.

मसूरी

किसानों के आंदोलन और भारत बंद का असर मसूरी में देखने को नहीं मिल रहा है. मंगलवार को मसूरी में सुबह होने के साथ ही दुकानें रोजाना की तरह खोली गईं. उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ भी भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहा है. वहीं, मसूरी में भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस पार्टी, आप और वामपंथी दलों के कार्यकर्ता पिक्चर पैलेस पर प्रदर्शन करेंगे.

टैक्सी-मैक्सी महासंघ की ओर से अध्यक्ष सुंदर पंवार ने एक पत्र जारी करते हुए किसी भी प्रकार की हड़ताल, चक्का जाम से इनकार किया है. इसके साथ ही मसूरी व्यापार मंडल भी बंद समर्थन में नहीं है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना है कि बुधवार को साप्ताहिक बंदी होती है ऐसे में दो दिन बाजार बंद होने से व्यापारियों को भारी नुकसान होगा और पर्यटन भी प्रभावित होगा, इसलिए ये फैसला लिया गया है.

गौर हो कि भारत बंद को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा की दृष्टि को लेकर मसूरी में पुलिस विशेष नजर रखी जा रही है. मसूरी कोतवाल देवेंद्र असवाल ने कहा कि भारत बंद को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. अगर कोई भी व्यक्ति माहौल को खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कोटद्वार

भारत बंद का असर कोटद्वार में थोड़ा देखने को मिला. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही कोटद्वार नगर क्षेत्र में बाजार को बंद करवाया. लेकिन 11 बजे के बाद धीरे-धीरे बाजार में दुकानें खुलने शुरू हो गईं. बंदी के दौरान यातायात सुचारू रहा. सड़कों जगह-जगह पुलिस बल और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां खड़ी दिख रही हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद करवाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस नेता कृष्णा भगवान ने कहा कि किसानों की जो मांगें हैं, उन्हें केंद्र सरकार को पूरा करना होगा. सरकार ने जो किसानों के विरोध में काले कानून पास किए हैं, उनको वापस लेना होगा. अगर भारत बंदी के बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम आमरण अनशन करेंगे, कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों का साथ देंगे.

डोईवाला

कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा किए गए देशव्यापी बंद का असर डोईवाला में भी देखने को मिल रहा है. डोईवाला चौक पर कांग्रसे ने धरना प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार का पुतला फूंका. किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा किसान चैन से नहीं बैठेंगे. कांग्रेस के साथ उत्तराखंड क्रांति दल समेत कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया. वहीं, व्यापारियों ने भी किसानों का समर्थन करते हुए बाजार को पूर्णतया बंद रखा.

Last Updated : Dec 8, 2020, 12:27 PM IST

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